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रामपुर में अजगर ने जानवर को न‍िगला, फट गया पेट, वन विभाग ने ट्रैक्टर-ट्राली से ले जाकर जंगल में छोड़ा

वन विभाग की चौकी प्रभारी श्यामलाल गंगवार ने बताया कि अजगर मादा है और इसकी लंबाई 11 से 12 फिट के आसपास है। शिकार करते समय वह घायल हो गया था। उपचार के बाद उसे जंगल में छुड़वा दिया गया।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 07:35 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 07:35 PM (IST)
रामपुर में अजगर ने जानवर को न‍िगला, फट गया पेट, वन विभाग ने ट्रैक्टर-ट्राली से ले जाकर जंगल में छोड़ा
रामपुर में अजगर ने जानवर को न‍िगला, फट गया पेट।

रामपुर, जेएनएन। मिलक के सिहारी गांव में मंदिर के पास सड़क पर शनिवार की रात अजगर ने किसी जानवर को निगल लिया। इससे उसका पेट फूल गया और वह वहां से हिल नहीं सका। मंदिर के पुजारी ने उसे देखा तो शोर मचा दिया। इस पर वहां ग्रामीणों की भीड़ लगा गई। सूचना पर वन विभाग के दो कर्मचारी रात में ही पहुंच गए थे। सुबह अन्य कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे और अजगर को ट्रैक्टर-ट्राली से ले जाकर डंडिया वन में छोड़ दिया

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सिहारी गांव से 100 मीटर दूरी पर स्थित मंदिर से नहर को जाने वाले कच्चे मार्ग पर शनिवार रात 11 बजे मंदिर के पुजारी धाराजीत सिंह को अजगर दिखाई दिया, जिसे देख उनके होश उड़ गए। इस पर उन्होंने शोर मचाया तो कुछ ही देर में ग्रामीणों की मौके पर भीड़ लग गई। अजगर का पेट फटा हुआ था और उसका खून बह रहा था। ग्रामीणों ने वन विभाग के चौकी प्रभारी श्याम लाल गंगवार को फोन से सूचना दी। इस पर वन विभाग के दो कर्मचारी मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों की भीड़ को अजगर से दूर किया। रातभर अजगर की सुरक्षा करते रहे। रविवार की सुबह चौकी प्रभारी अन्य वन विभाग के कर्मचारियों को लेकर वहां पहुंचे। अजगर को ट्रैक्टर ट्राली में रस्सी के सहारे लदवाका डंडिया वन में जाकर छोड़ा गया। वन विभाग की चौकी प्रभारी श्यामलाल गंगवार ने बताया कि अजगर मादा है और इसकी लंबाई 11 से 12 फिट के आसपास है। शिकार करते समय वह घायल हो गया था। उपचार के बाद उसे जंगल में छुड़वा दिया गया। वन रेंजर क्षेत्राधिकारी भगवंत सिंह बिष्ट ने बताया कि अजगर ने किसी जानवर का शिकार कर उसे निगला हुआ था। शिकार करते समय अजगर घायल भी हो गया था। वन में छोड़ने से पहले उसका उपचार कराया गया।

ग्रामीणों ने अजगर के बच्चे होने की जताई आशंका

सिहारी गांव की सीमा पर शनिवार की रात अजगर ने किसी जानवर का शिकार कर रखा था, जिससे वह रातभर वहीं पड़ा रहा। रविवार की सुबह वन विभाग की टीम ने उसे पकड़कर डंडिया वन में छोड़ दिया। इसके बाद भी ग्रामीण भयभीत हैं। उनका कहना है कि पकड़ा गया अजगर मादा है। इसके बच्चे भी गांव के जंगल में हो सकते हैं, जो भविष्य में उनके लिए खतरा बन सकते हैं। वन विभाग की गांव स्थित चौकी के प्रभारी श्यामलाल गंगवार ने अजगर के बच्चे होने की बात को अफवाह बताया। कहा कि जंगल से भटककर नदी के तेज बहाव में अक्सर जंगली जानवर रिहायशी इलाकों तक पहुंच जाते हैं। अजगर इंसानों के लिए खतरनाक नहीं है।

तेंदुृए के चक्कर में अजगर पकड़ने देर से पहुंची टीम

सिहारी गांव की सीमा पर मंदिर के सामने शनिवार रात 11 बजे से लेकर सुबह पौने नौ बजे तक अजगर एक ही स्थान पर पड़ा रहा। वन विभाग की टीम के देरी से पहुंचने के सवाल पर चौकी प्रभारी श्याम लाल गंगवार ने बताया कि इन दिनों जनपद में तेंदुआ आया हुआ है, जिसे पकड़ने के लिए वन विभाग की टीमें लगी हुई हैं। शनिवार की रात को वन विभाग की टीम स्वार, बिलासपुर, मिलक और रामपुर के अंदर अलग-अलग स्थानों पर तेंदुए को ट्रैक करने में लगी हुई थी। इसलिए अजगर की सुरक्षा करने के लिए दो कर्मचारियों को मौके पर भेजा गया था। सुबह होने पर टीम गांव पहुंची और अजगर को सुरक्षित जंगल में छुड़वा दिया गया।


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