Move to Jagran APP

पुष्य नक्षत्र योग आज, इस खास द‍िन पर कर सकते हैं ये शुभ कार्य

Pushya Nakshatra Yog इस दिन खरीदारी करना शुभ एक दिन पहले ही बाजार में बड़ी भीड़- सोने चांदी और पीतल की वस्तुएं खरीदने से बनी रहेगी समृद्धि। रविवार को भी पुष्य नक्षत्र रहने से महान रविपुष्य योग का निर्माण हो रहा है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 07 Nov 2020 01:18 PM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 01:18 PM (IST)
पुष्य नक्षत्र योग आज, इस खास द‍िन पर कर सकते हैं ये शुभ कार्य
सर्राफा समेत ऑटोमोबाइल शोरूम में ग्राहकों की भीड़ रही।

मुरादाबाद, जेएनएन।Pushya Nakshatra Yog। शनिवार को शनि देवता पुष्य नक्षत्र योग है। यह नक्षत्र शुभ कार्यों के लिए फलदाई है। रवि पुष्य नक्षत्र के दिन सोने, चांदी या पीतल से बनी वस्तुएं खरीदने से समृद्धि बनी रहती है। रवि पुष्य नक्षत्रु के दिन जमीन, मकान और वाहन खरीदना शुभ माना जाता है।

loksabha election banner

 सर्राफा और ऑटोमोबाइल का बाजार दमक गया है। शुक्रवार को सर्राफा समेत ऑटोमोबाइल शोरूम में ग्राहकों की भीड़ रही और उन्होंने वाहन पसंद करके पुष्य नक्षत्र में डिलीवरी के लिए मन बनाया है। रवि पुष्य नक्षत्र के दिन दक्षिणावर्ती शंख को अपनी दुकान में रखने से व्यापार में बढ़ोतरी होती है। सभी कार्यों में संकल्पसिद्धि कराने वाला अजेय रवि योग तथा रविपुष्य योग एकसाथ क्रमशः सात नवंबर शनिवार की सुबह आठ बजकर तीन मिनट से आरंभ होकर रविवार को सुबह आठ बजकर 43 तक रहेगा। शनिदेव का पुष्य नक्षत्र शनिवार को मिलने के फलस्वरूप शनिवार को रवियोग तथा रविवार को भी पुष्य नक्षत्र रहने से महान रविपुष्य योग का निर्माण हो रहा है जो रविवार आठ नवंबर को सुबह आठ बजकर 43 मिनट तक रहेगा।

लंबे समय बाद दीपावली से सात दिन पहले पुष्य नक्षत्र योग

इस साल दीपावली से सात दिन पहले पुष्य नक्षत्र का योग बना है। यह लंबे समय में मिलता है। इस योग का फलसर्वार्थ सिद्धि योग के साथ बहुत दुर्लभ रवि पुष्य योग बन रहा है। रविवार होने के साथ-साथ इस दिन पुष्य नामक नक्षत्र बन रहा है। जिसके स्वामी शनि महाराज हैं। इसके संदर्भ में कहा गया है कि इस योग में जो भी कार्य किया जाता है। उसका शुभ फल लंबे समय तक मिलता है। इस योग में खरीदारी करने से घर में सुख, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह योग गुरु पुष्य योग के समान फलदायी और शुभ है।

अहोई अष्टमी पर बन रहा महायोग

अहोई अष्टमी के दिन रवि पुष्य योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग जैसे महायोग बन रहे हैं। दिन की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि नामक योग से हो रही है, यह योग सूर्योदय से लेकर सुबह आठ बजकर 45 मिनट तक रहने वाला है। यानी दिन की शुरुआत इस महायोग से हो रही है। सर्वार्थ सिद्धि योग सभी योगों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

पुष्य नक्षत्र योग में पूजा करना हमेशा फलदायी होता है और यह योग सभी कार्यों के लिए उत्तम होता है। यह अशुभता तो शुभ में बदलने की शक्ति रखता है।

पंडित केदार नाथ मिश्रा

 

पुष्य नक्षत्र योग में खरीदारी करना भी शुभ है। अहोई अष्टमी के दिन रवि योग, पुष्य नक्षत्र योग, सर्वार्थ सिद्धि योग से महायोग बन रहा है।

पंडित सुरेंद्र शर्मा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.