ऐसे तो नहीं पूरा हो पाएगा लक्ष्य, एक-एक कुंतल धान खरीद के लिए करनी पड़ रही मशक्कत
सम्भल के चन्दौसी में क्रय केंद्रों पर धान खरीद में अभी तेजी नहीं आ पाई है।
मुरादाबाद : सम्भल के चन्दौसी में सरकार ने जिले के अधिकारियों को धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित कर खरीद करने के निर्देश दे दिए हैं, लेकिन अभी तक सरकारी क्रय केंद्रों पर एक-एक कुंतल धान अधिकारियों को खरीदने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। जिले में क्रय केंद्र खुले हुए 23 दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक मात्र 531 कुंतल धान की ही खरीदारी हुई है जबकि सरकार ने 48 हजार मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य दिया है। यह लक्ष्य किसी भी तरह पूरा होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण जिले में मोटे धान की पैदावार कम होना माना जा रहा है। 1750 रुपये प्रति कुंतल है निर्धारित
सरकार ने इस बार मोटे धान का समर्थन मूल्य 1750 रुपये निर्धारित किया है। किसानों से धान खरीदने के लिए जिले भर में 30 क्रय केंद्र बनाए गए है। सभी क्रय केंद्र एक अक्टूबर से शुरू हो चुके हैं, लेकिन अभी तक इन क्रय केंद्रों पर नाम मात्र के लिए ही खरीदारी हुई है। जबकि सरकार ने जिले के अधिकारियों को सरकार ने इस बार 48 हजार मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य दिया है। मगर अभी तक सभी क्रय केंद्र मिलकर मात्र 531 कुंतल धान की ही खरीददारी कर पाए है। धान की कटाई का कार्य एक माह पूर्व किया जा चुका है। ऐसे में जो भी धान मंडी में आ रहा है। उसमें नमी की समस्या नहीं है। इसके बावजूद सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदारी में वृद्धि नहीं हो पा रही है। केंद्र पर नहीं पहुंचा धान
जागरण की टीम ने चन्दौसी मंडी में जाकर देखा तो यहां पर दो क्रय केंद्र तो बनाए गए हैं, लेकिन एक क्रय केंद्र पर मात्र अभी तक 47 कुंतल धान की खरीददारी की गई है तो एचएफसी के केंद्र पर अभी तक एक कुंतल धान भी नहीं पहुंचा है। क्रय केंद्रों तक धान न पहुंचने का कारण जिले में मोटे धान की पैदावार कम होना और अन्य धानों के रेट अधिक होना माना जा रहा है। खाद्य वितरण अधिकारी ने बताया कि अभी तक हम 531 कुंतल धान ही खरीद पाए हैं, लेकिन उम्मीद हैं कि लक्ष्य के बराबर पहुंच जाएंगे। जिले में मोटे धान की पैदावार कम हुई है। मोटे धान की जिले भर में 2784 हेक्टेयर हुई पैदावार
मोटे धान की अपेक्षा हर बार ग्रेड ए के धानों का रेट अधिक होने के चलते इस बार किसानों ने मोटे धान की कम बुवाई की है। ऐसे में सरकारी धान क्रय केंद्रों पर भी धान नहीं पहुंच रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2784 हेक्टेयर मोटे धान की पैदावार है। अगर यह सभी धान भी मंडी में पहुंच जाए तो उसके बाद भी सरकार का लक्ष्य जिले से पूरा नहीं हो सकेगा। ऐसे में अधिकारी जो भी जिले में मोटा धान है। उसे खरीदने के लिए प्रयास कर रहे हैं। आढ़ती 2400 से अधिक रेट में खरीद रहे हैं धान
सरकार ने ए ग्रेड धान का मूल्य 1770 निर्धारित किया है जबकि मंडी में ही आढ़ती ग्रेड ए के धान को 2400 रुपये प्रति कुंतल खरीद रहे हैं फिर किसान क्यों सरकारी धान क्रय केंद्र 1770 रुपये में बेचने के लिए जाएगा। ग्रेड ए के आरएसएस 10 प्रजाति धान को आढ़ती 1790 और 1509 प्रजाति को आढ़ती 2400 रुपये कुंतल खरीद रहे हैं। ऐसे में किसान फिर क्यों क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए जाएगा।