गंदगी फैलाने की सजा, एसडीएम सदर की कोर्ट में रोज हाजिरी लगाएंगे 68 पशु पालक
नोटिस जारी कर सप्ताहभर में पशुओं को शहर से बाहर ले जाने की मोहलत दी। शहर की सड़कों पर पशुओं का मल-मूत्र बहाने पर सख्त हुए एसडीएम। सोमवार को उन्होंने 68 पशुपालकों को तहसील में बुलाया और पशुओं का मल-मूत्र नालों में नहीं बहाने की हिदायत दी।
मुरादाबाद, जेएनएन। मंडल के अमरोहा में 68 पशु पालक अब रोज एसडीएम कोर्ट में हाजिरी लगाएंगे। बताएंगे कि पशुओं के मल-मूत्र को आबादी से बाहर डालने की व्यवस्था कर ली है। जी हां, एसडीएम सदर शशांक चौधरी ने पशु पालकों को सप्ताहभर तक कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। साथ ही नोटिस जारी कर सुधार के लिए सात दिनों की मोहलत दी है। इसके बाद भी वह नहीं सुधरते हैं तो रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।
नगर पालिका क्षेत्र में कुछ लोग पशु पालन करते हैं। जिनका मल मूत्र वह नालों में बहा देते हैं। इससे नाले चोक हो जाते हैं और पानी सड़कों पर बहने लगता है। ऐसे पशु पालकों को कुछ दिन पहले उपजिलाधिकारी सदर ने नोटिस जारी कराए थे। बावजूद इसके उनके द्वारा कोई सुधार नहीं किया गया, जिस पर उन्होंने अभियान चलाया था और कुछ पालकों के पशुओं को जब्त कर लिया था। लेकिन, पालकों ने थोड़े समय की मोहलत मांग ली थी। जिस पर पशुओं को उन्हें सौंप दिया गया था। अभी तक पशु पालकों ने अपनी आदत में कोई सुधार नहीं किया। जिसको लेकर एसडीएम सदर सख्त हो गए हैं। सोमवार को उन्होंने 68 पशुपालकों को तहसील में बुलाया और पशुओं का मल-मूत्र नालों में नहीं बहाने की हिदायत दी। साथ ही निर्देश दिए कि सप्ताहभर तक सभी पशुपालक कोर्ट में अपनी हाजिरी लगवाने के लिए आएंगे। बताएंगे कि अभी सुधार किया या नहीं। इसके अलावा एसडीएम ने उनको सीआरपीसी की धारा 111 के तहत नोटिस जारी किया है। जिसमें सात दिनों के अंदर पशुओं के गोबर को डालने की व्यवस्था करने को कहा है। इसके पश्चात अगर पालकों ने कोई इंतजाम नहीं किया तो उन पर एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।
सभी पशु पालकों को नोटिस जारी कर दिया गया है। एक सप्ताह तक पशु पालक कोर्ट में अपना पक्ष रखने आएंगे। अगर वह व्यवस्था नहीं कर पाते हैं तो उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। जिसके बारे में सभी को बता दिया गया है। सुधरने के लिए यह अंतिम मौका है।
शशांक चौधरी, एसडीएम सदर