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अमरोहा पुलिस के कारनामों से जनता भी हैरान, बेटी जिंदा लेकिन हत्‍या में पिता व भाई को जेल

जिंदा बेटी की हत्‍या में पिता और भाई को जेल भेजने वाली पुलिस की चारों ओर फजीहत हो रही है। जनता भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 05:40 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 05:40 PM (IST)
अमरोहा पुलिस के कारनामों से जनता भी हैरान, बेटी जिंदा लेकिन हत्‍या में पिता व भाई को जेल
अमरोहा पुलिस के कारनामों से जनता भी हैरान, बेटी जिंदा लेकिन हत्‍या में पिता व भाई को जेल

अमरोहा, जेएनएन। जनपद सम्भल क्षेत्र में 17 जुलाई, 19 को कैदियों को ले जा रहे वाहन से दो पुलिस कर्मियों की हत्या कर फरार हुए तीन कैदियों में शामिल ढाई लाख के इनामी कमल सिंह को 20 जुलाई 19 को आदमपुर क्षेत्र के ग्राम शेरगढ़ के कीकर वन में एनकाउंटर कर इतरा रहे आदमपुर के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक के दिमाग में कमलेश की हत्या की कहानी कैसे घुस आई?

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सूत्रों की मानें तो ढाई लाख के इनामी कमल सिंह को एंकाउंटर में ढेर करने के बाद तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार शर्मा ने कभी अपराधों को गंभीरता से नहीं लिया। बल्कि डेढ़ वर्ष से अधिक समय तक रूतबे के साथ थाने में अफसर शाही करते रहे। गायब कमलेश की सीडीआर के माध्यम से उसकी तलाश की जाती तो शायद खाकी की इस तरह किरकिरी नहीं होती। कमलेश के पिता सुरेश बेटी को बरामद करने के लिए आए दिन उनसे गुहार लगा रहे थे। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने दोबारा जांच की। आखिर पुलिस किसके इशारे पर नाच रही थी, जो बिना किसी ठोस सबूत, बिना शव बरामद किए युवती की हत्या की न केवल झूठी कहानी रच दी। बल्कि रस्सी का सांप बनाते हुए कथित हत्या के समय युवती द्वारा पहने हुए कपड़े भी पिता व भाई की निशानदेही से बरामद कर आला कत्ल के रूप में तमंचा व खोखा भी जुटा लिया।

इन सवाल के जवाब मांग रही जनता

आखिर पुलिस के दिमाग में कमलेश की हत्या की बात कैसे और क्यों आई?, स्वजन बेटी को बरामद करने की मांग करते रहे और पुलिस ने पिता पुत्र को गिरफ्तार कर मर्डर का पर्दाफाश बिना सबूत कैसे किया, लाश बरामद करने से पहले पुलिस को यह कैसे पता चल गया कि कमलेश की हत्या गोली मारकर की गई है, मौत के समय कमलेश के पहने हुए कपड़े प्लास्टिक के बोरे से कैसे बरामद हुए, गिरफ्तार करने के बाद पिता पुत्र हत्या करने की बात से इन्कार करते रहे तो उन्हें जुर्म कबूल कराने के लिए मजबूर किस लिए किया गया, कमलेश के मोबाइल की सीडीआर के माध्यम से उसकी तलाश क्यों नहीं की गई। 

युवती को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा

छह फरवरी 19 को घर से फरार हुई युवती को सात अगस्त को पौरारा से बरामद करने के बाद मेडिकल परीक्षण हेतु जिला अस्पताल भेज दिया है। सोमवार को उसके न्यायालय में बयान कराए जाएंगे। आदमपुर के प्रभारी निरीक्षक पंकज कुमार वर्मा ने बताया युवती को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया है। सोमवार को अदालत में बयान दर्ज कराए जाएंगे। इसके बाद ही पिता पुत्र व तीसरे आरोपित की रिहाई की प्रक्रिया पूर्ण कराई जाएगी। 


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