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प्रधानमंत्री की मेहमान बनेंगी 40 खुशनसीब महिलाएं

रईस शेख, मुरादाबाद : रोजी रोटी के लिए दूसरों का सहारा बने रहने की आदत महिलाओं में क

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Oct 2017 02:39 AM (IST)Updated: Fri, 06 Oct 2017 02:39 AM (IST)
प्रधानमंत्री की मेहमान बनेंगी 40 खुशनसीब महिलाएं
प्रधानमंत्री की मेहमान बनेंगी 40 खुशनसीब महिलाएं

रईस शेख, मुरादाबाद :

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रोजी रोटी के लिए दूसरों का सहारा बने रहने की आदत महिलाओं में कम होती जा रही है। अब इन्हें रोजगार के अवसर तलाशने के लिए भी पुरुषों के सहारे की जरूरत नहीं। ऐसी ही महिलाएं मुरादाबाद जनपद के गांव भदासना, अक्कापांडे भोजपुर व चंगेरी में भी हैं। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी इन महिलाओं से 10 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे संवाद करेंगे। योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी भी महिलाओं से की जाएगी। यह भी मालूम करेंगे कि शासन की योजनाओं का लाभ वास्तव में उनको मिल रहा है या नहीं। जागरूक करने के लिए सरकारी मशीनरी ने क्या फार्मूला अपनाया? किस रोजगार को वो परिवार की रोजी रोटी के लिए बेहतर मानती हैं? और सरकार के प्रति उनका रवैया क्या है? इनके बारे में भी उनसे पूछा जाएगा।

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प्रधानमंत्री करेंगे सम्मानित

ग्राम विकास खंड मूंढापांडे की ग्राम पंचायत भदासना की 21, अक्कापांडेय भोजपुर की 14, बीरपुरथान की एक, विकास खंड छजलैट की चार महिलाएं हैं। यह सभी महिलाएं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत रोजगार से जुड़ी हैं। मनरेगा में सौ दिन काम व प्रधानमंत्री आवास का सौ फीसद निर्माण कराने वाली महिलाओं को भी सम्मानित किया जाएगा।

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खुशी का माहौल

प्रधानमंत्री से मुलाकात और उनके द्वारा सम्मानित किए जाने को लेकर गांव में खुशी का माहौल है। महिलाएं और पुरुष दिल्ली जाने के लिए उतावले हैं। समूहों के संचालक राजपाल सिंह व राघव सिंह कहते हैं कि महिलाओं में खुशी इसलिए भी है कि वह जिंदगी में पहली बार प्रधानमंत्री से मिलेंगी।

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समूह का व्यवसाय

राधा अश्व कल्याण समूह की अध्यक्ष रानी और लक्ष्मी अश्व कल्याण समूह की अध्यक्ष ज्ञानवती कहती हैं कि महिलाएं पहले कुछ पैसा इकट्ठा कर समूह के नाम से बैंक खाते में जमा करती हैं। तीन-चार महीने ये सिलसिला चलने के बाद केंद्र सरकार द्वारा रिवाल्विंग फंड मिलता है। इस राशि को आपस में दो फीसद ब्याज पर बांट देती हैं। जिससे महिलाएं कारोबार कर जीविका चलाती हैं।

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महिलाओं की जुबानी

समूह से जुड़ी महिला ममता, सुनीता, रानी, अनवेश देवी, मीनाक्षी, भगवती, विरजा, ज्ञानवती, नीतू, ममता पत्नी कुंवरपाल, प्रेमवती, शीतल व शीला का कहना है कि समूह के माध्यम से किए जाने वाले लेन देन से तंगहाली दूर हुई है। अब परिवार का खर्च उठाने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है।

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समूह की महिलाओं को 10 अक्टूबर को दिल्ली बुलाया गया है। जहां प्रधानमंत्री उनसे सीधे संवाद करेंगे। समूह से क्या लाभ मिल रहा है, ये भी जानकारी की जाएगी।

-राज करन पाल, परियोजना निदेशक डीआरडीए।


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