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सत्ता की हनक, बिना पूछताछ के जिला पंचायत अध्यक्ष के डॉक्‍टर पति को स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग ने कराया ज्वाइन

पत्नी को चुनाव लड़ाने से लेकर जिताने तक की बिसात बिछाने वाले डाॅ. ब्रजेश को बिना पूछताछ के ही 99वें दिन ज्वाइनिंग करा दी गई। चुनाव में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पति ने मेडिकल लीव विद आउट पे का स्लोगन स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया था।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 12:13 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 12:13 PM (IST)
सत्ता की हनक, बिना पूछताछ के जिला पंचायत अध्यक्ष के डॉक्‍टर पति को स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग ने कराया ज्वाइन
ज्वाइनिंग करने के बाद प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक के साथ बातचीत कर घर लौटे।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। पत्नी को चुनाव लड़ाने से लेकर जिताने तक की बिसात बिछाने वाले डाॅ. ब्रजेश को बिना पूछताछ के ही 99वें दिन ज्वाइनिंग करा दी गई। चुनाव में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पति ने मेडिकल लीव विद आउट पे का स्लोगन स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया था। उसे सहर्ष मान भी लिया गया। मजे की बात ये है कि सिर्फ एक प्रार्थना पत्र देकर हाजिरी लगा दी गई। मेडिकल पत्र अभी तैयार कराने बाकी हैं। जिससे मेडिकल लीव की पुष्टि हो जाए।

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जिला अस्पताल में एनेस्थेटिस्ट के पद पर तैनात डा. ब्रजेश कुमार सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष डा. शैफाली के पति हैं। 98 दिन तक लगातार चुनाव और स्वागत में उन्होंने नौकरी को ताक पर रख दिया था। इस दौरान न तो अस्पताल प्रबंधन ने उनसे पूछा कि वो आ क्यों नहीं रहे और न ही उन्होंने कोई इमरजेंसी ड्यूटी की थी। आलम ये रहा कि चुनाव के बाद उन्होंने ड्यूटी ही नहीं की। हाजिरी लगाकर ही वो निकल जाते थे। चुनाव के दौरान छुट्टी पर रहने के बाद उनसे अस्पताल प्रबंधन ने भी पूछताछ नहीं की। मामला सुर्खियों में आया तो पत्र भेज दिया गया। डा. ब्रजेश कुमार सिंह ने भी साफ तौर पर कह दिया था कि लीव विद आउट पे पर रहेंगे। ये व्यवस्था सरकार द्वारा उन लोगों को उपलब्ध कराई जाती है जो पीजी या एमएस की पढ़ाई के लिए जाते हैं। शनिवार को दिए पत्र में उन्होंने लिखा है कि मैं बीमार था, तबीयत खराब थी। अब मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं। मेडिकल सर्टिफिकेट बाद में जमा कराए जाएंगे। अब आप खुद ही समझदार हैं कि सत्ता ही हनक में किसी तरह की पूछताछ नहीं हुई। 98 दिन से लापता डाक्टर को ज्वाइनिंग करा दी गई।

कोरोना महामारी में लगातार ड्यूटी : स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सत्ताधारी नेताओं के आगे नतमस्तक हैं। कोरोना महामारी का तर्क देकर डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रोक दी गईं। लेकिन, एनेस्थेटिस्ट ने इमरजेंसी की ड्यूटी लगने के बाद भी नहीं की तो उनके किसी ने पूछा तक नहीं। इससे कर्मचारियों में नाराजगी है।

शनिवार को एनेस्थेटिस्ट डाॅ. ब्रजेश सिंह ने ज्वाइन किया है। उन्होंंने पत्र में लिखा है कि मैं बीमार था। अब पूरी तरह स्वस्थ हूं। इसलिए अब काम शुरू कर रहा हूं। उनके पत्र देने के बाद ज्वाइनिंग करा दी गई है। अब शेड्यूल के मुताबिक ड्यूटी लगाई जाएगी।

डाॅ. शिव सिंह, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल।

तबीयत खराब होने और व्यक्तिगत कारणों से अवैतनिक अवकाश लिया था। अवकाश लेना कोई अपराध की श्रेणी में नहीं आता। प्रक्रिया के तहत ज्वाइन भी कर लिया है।

डाॅ. बीएस 


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