Pollution : मौसम साफ हुआ तो प्रदूषण भी हो गया गायब, लोगों को मिली राहत
लालबाग में मानक से कम ऊंची आबादी के बीच चिमनियों से धुआं निकल रहा है। पीतल की भट्टी से धुआंं निकलने से घरों में रुकना मुश्किल होता है। प्रदूषण विभाग आंख और कान बंद करके बैठा है। इससे लोग परेशान हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। मौसम साफ होते ही मुरादाबाद में प्रदूषण की आबोहवा सुधरी नजर आई। धूप खिलने के साथ ही प्रदूषण भी फुर्र हो गया। तीन दिन से धूप नहीं निकलने से नमी बनी हुई थी। जिससे पीएम-10 के कारण वातावरण में नीचे ही बने हुए थे।
शाम को मुरादाबाद में प्रदूषण 188 माइक्रोग्राम मीटर क्यूब पर दर्ज किया गया। एक दिन पहले करीब 276 माइक्राेग्राम मीटर क्यूब प्रदूषण एयर क्वालिटी इंडेक्स में था। प्रदेश की बात करें तो एक्यूआइ के अनुसार केवल वाराणसी व प्रदेश की राजधानी लखनऊ रेड जोन में हैं। इनके अलावा एक्यूआर में शामिल प्रदेश के शहरों में प्रदूषण रेड जोन से बाहर हैं और हलके पीले जोन में हैं। मुरादाबाद प्रदेश में 12वें स्थान पर है। यानि पीले जोन की दो श्रेणी में अब हलके पीले जोन में आ गया है। पहले डार्क पीले जोन में 200 से ऊपर था। इससे पूर्व कई दिन रेड जोन में रहा। लेकिन, 14 नवंबर से करीब 23 नवंबर तक पीले जोन में रहने से प्रदूषण का खतरा कुछ कम हो गया था।
लालबाग में उड़ता धुएं व ई-कचरा से परेशान लोग
लालबाग में मानक से कम ऊंची आबादी के बीच चिमनियों से धुआं निकल रहा था। पीतल की भट्टी से धुआंं निकलने से घरों में रुकना मुश्किल होता है। प्रदूषण विभाग आंख और कान बंद करके बैठा है। रामगंगा किनारे मलिन बस्ती में यह भटि्टयां बंद नहीं की जा रही हैं। नियमानुसार आबादी के बाहर यह भट्टियां होनी चाहिए।
प्रदूषण पहले से कम है। सबसे ज्यादा प्रदूषण वाहनों की आवाजाही व अन्य कारणों से उड़ रही धूल के कारण फैल रहा है। पीतल की भट्टी स्वामियों पर कार्रवाई के लिए नोटिस देते रहते हैं। इन दिनों कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है।
विकास मिश्रा, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी