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धान खरीद में नहीं होगा घपला, गूगल मैप से होगी केंद्रों की निगरानी

अनियमितताओं को रोकने के लिए धान क्रय केंद्रों के साथ ही राइस मिलों की जियो टैगिंग के निर्देश दिए गए हैं। बीते वर्ष धान खरीद के लिए 69 खरीद केंद्र खोले गए थे।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 03:51 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 03:51 PM (IST)
धान खरीद में नहीं होगा घपला, गूगल मैप से होगी केंद्रों की निगरानी
धान खरीद में नहीं होगा घपला, गूगल मैप से होगी केंद्रों की निगरानी

मुरादाबाद, जेएनएन। गेहूं खरीद खत्म होने के बाद खाद्य एवं विपणन विभाग ने धान की खरीद की प्रक्रिया अभी से शुरू कर दी है। इसके लिए राइस मिलों की पंजीकरण की प्रक्रिया पहले ही शुरू करा दी गई थी। इसके लिए 31 जुलाई तक का समय दिया गया था। गेहूं खरीद में लक्ष्य के पूरा न होने के कारण विभागीय अधिकारी धान खरीद को लेकर अभी से सतर्कता बरतने लगे हैं।

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शासन ने इस बार गूगल मैप के जरिए धान खरीद केंद्रों के साथ ही राइस मिलों की निगरानी करने का फैसला किया है,ताकि धान खरीद को लेकर किसी भी प्रकार लापरवाही न हो। खाद्य एवं विपणन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सभी राइस मिल मालिकों ने ई-उपार्जन पोर्टल में पंजीकरण करा लिया है। इस पोर्टल में राइस मिलर बीते तीन वर्षों में की गई धान खरीद का ब्योरा भी दर्ज करा चुके हैं। इसके साथ ही जिले के 69 धान खरीद केंद्रों की जियो टैङ्क्षगग की जाएगी। ताकि गूगल मैप के जरिए इन खरीद केंद्रों की निगरानी हो सके।

कुटाई के खेल में नहीं होगा घपला

धान खरीद के साथ ही कुटाई कराने में सरकारी विभाग के अफसर खेल करते थे। शासन ने निर्देश दिए हैं कि जिस जनपद में धान खरीद होगी,उसी जनपद की राइस मिल में कुटाई भी की जाएगी। लेकिन पूर्व में अफसर ट्रांसपोर्ट चार्ज हड़पने के चक्कर में आस-पास के जनपदों में जान-बूझकर धान कुटाई का कार्य कराते थे,ताकि ट्रांसपोर्ट के नाम पर मोटी रकम डकारी जा सके। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। धान खरीद केंद्रों के साथ ही राइस मिलों की जियो टैङ्क्षगग होने से ऑनलाइन धान खरीद की निगरानी की जाएगी।

धान खरीद की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए इस बार राइस मिलों के साथ ही धान खरीद केंद्रों की जियो टैङ्क्षगग की गई है। इस बार शासन से मिले लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

संजीव कुमार राय,डिप्टी आरएमओ


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