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सम्‍भल में गन्ने के साथ धान का भी बढ़ा रकबा, जानिए क्‍या है वजह

जिले की प्रमुख खेती में से एक गन्ने पर किसानों ने फिर भरोसा जताया है। यही वजह है कि धान के साथ गन्‍ना का रकबा भी बढ़ता जा रहा है।

By Edited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 12:42 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 06:42 PM (IST)
सम्‍भल में गन्ने के साथ धान का भी बढ़ा रकबा, जानिए क्‍या है वजह
सम्‍भल में गन्ने के साथ धान का भी बढ़ा रकबा, जानिए क्‍या है वजह

सम्‍भल।  जिले की प्रमुख खेती में से एक गन्ने पर किसानों ने फिर भरोसा जताया है। भुगतान में देरी होने के बाद भी इस साल किसानों ने पिछले वर्ष के मुकाबले दस फीसद अधिक गन्ना लगाया है। जबकि 2 हजार हेक्टेयर अधिक धान की रोपाई की है। ऐसे में इस साल दलहन की फसल कम लगने का अनुमान कृषि विभाग लगा रहा है। जहां पिछले साल जिले भर में 46 हजार हेक्टेयर गन्ना हुआ था तो 40 हजार हेक्टेयर धान की खेती थी। जिले में गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। सबसे अधिक सम्भल तहसील क्षेत्र के किसान गन्ने की बुवाई करते है। पिछले तीन सालों से लगातार गन्ने का रकबा बढ़ रहा है जो क्रम इस बार भी जारी रहा, लेकिन गन्ने के साथ इस बार धान की तरफ भी किसानों का रुझान हुआ है।

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पिछले साल के मुकाबले किसानों ने धान की अधिक रोपाई की है। जहां पिछले वर्ष 46 हजार हेक्टेयर गन्ने था तो इस बार इस बार दस फीसद की बढ़ोत्तरी हो गई है। वहीं धान की फसल 40 हेक्टेयर थी जो बढ़कर 42 हजार हो गई। अब कृषि विभाग की माने तो इस बार दलहन की फसल कम होगी। क्योंकि किसानों के खेतों में गन्ने और धान की फसल लगी हुई है। नीलगाय और आवारा पशुओं के चलते किसानों ने चुना गन्ना चन्दौसी: इस समय जिले में बेसहारा पशुओं के साथ नीलगाय का आतंक है। यह फसलों को नुकसान पहुंचा रही हैं। सबसे अधिक नुकसान दलहन की फसलों को आवारा पशु पहुंचाते हैं। ऐसे में किसानों ने गन्ना लगाना ही बेहतर समझा। क्योंकि पशु गन्ने में इतना नुकसान नहीं कर पाते है जितना अन्य फसलों में। इनसेट - इस बार गन्ने का बढ़ा दस फीसद रकबा - पिछले साल जिले में था 46 हजार हेक्टेयर गन्ना।

पिछले वर्ष 46 हजार हेक्टेयर गन्ना था जिसमें दस फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। गन्ने की पैदावार बढ़ने के चलते किसान अधिक गन्ना लगा रहे हैं। - कुलदीप कुमार, जिला गन्ना अधिकारी सम्भल कोट- जिले में इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले धान की रोपाई अधिक हुई है। पिछले वर्ष 40 हजार हेक्टेयर जबकि इस बार 42 हजार हेक्टेयर धान लगाया है।

- डॉ. नरेंद्र प्रताप, जिला कृषि अधिकारी, सम्भल


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