सांसद आजम खां से जुड़े मुकदमों में लापरवाही पर थानेदारों पर अभी नहीं हुई कार्रवाई Rampur News
आठ मुकदमों में सांसद आजम खां की जमानत मंजूर होने का मामला। अदालत ने मांगी थी आख्या डीएम ने विवेचना करने वालों को लिखा था पत्र।
रामपुर (मुस्लेमीन)। सांसद आजम खां से जुड़े मुकदमों में लापरवाही बरतने वाले थानेदारों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है, जबकि पुलिस अधीक्षक हट गए हैं। उनको प्रयागराज मुख्यालय भेजा गया है।
यह है मामला
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद आजम खां अपनी पत्नी शहर विधायक डॉ. तजीन फात्मा और बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम के साथ सीतापुर की जेल में बंद है। आजम खां के खिलाफ 68 मुकदमे विचाराधीन है, जबकि अब्दुल्ला के खिलाफ 10 और तजीन फात्मा खिलाफ दो मामले हैं। ये तीनों ही अब्दुल्ला के दो-दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में आरोपित हैं। इसी मुकदमे में तीनों ने 26 फरवरी को एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। अदालत में तीनों ने जमानत के लिए प्रार्थना पत्र लगाए लेकिन, अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तारीख लगा दी। आचार संहिता और मारपीट से जुड़े आठ मामलों में 27 फरवरी को आजम खां की जमानत पुलिस की लापरवाही से मंजूर हो गई। अदालत ने थाना प्रभारियों से इन मुकदमों के संबंध में आख्या मांगी थी लेकिन, पुलिस ने कोई रिपोर्ट नहीं दी। इस पर कोर्ट ने जमानत मंजूर कर ली।
जिलाधिकारी को लिखा पत्र
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राम अवतार सैनी ने जिला अधिकारी को पत्र भी लिखा। जिला अधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह ने विवेचना अधिकारियों को पत्र लिखा है कि ऐसी लापरवाही क्यों की गई। उन्होंने भविष्य में इस तरह की लापरवाही न बरतने की हिदायत भी दी है। पत्र की प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक को भी दी, ताकि कार्रवाई हो सके लेकिन लापरवाह थानेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हो सकी है। मुकदमों की पैरवी में लापरवाही बरतने पर आइजी रमित शर्मा ने पुलिस लाइन में हुई बैठक में थानेदारों को चेतावनी दी थी। साथ ही भविष्य में इस तरह की लापरवाही न बरतने की नसीहत दी।