अब योगी सरकार हर महीने लेगी विकास कार्यों का हिसाब
काेरोना संक्रमण के दौर में मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले कार्यों पर भी अधिकारी ध्यान नहीं दे पाए जबकि सरकार इसी से जिले के अफसरों की काम करने की क्षमता का आकलन कर रही है। इसी आधार पर जिले की ग्रेडिंग भी की जा रही है।
मुरादाबाद, जेएनएन। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले कार्यों का हिसाब अब योगी आदित्यनाथ सरकार हर महीने लेगी। मुख्यमंत्री कार्यालय से फरमान आते ही मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन ने सभी से सीएम की प्राथमिकता वाले कार्यों की रिपोर्ट मांगी है। विकास कार्यों की रिपोर्ट हर महीने सीडीओ के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय को जानी है।
काेरोना संक्रमण के दौर में मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले कार्यों पर भी अधिकारी ध्यान नहीं दे पाए जबकि सरकार इसी से जिले के अफसरों की काम करने की क्षमता का आकलन कर रही है। इसी आधार पर जिले की ग्रेडिंग भी की जा रही है। शासन ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कराने लिए महत्वपूर्ण बिंदु बनाए हैं। इन बिंदुओं पर जिले के अफसरों को काम करना है। योगी आदित्यनाथ सरकार पहले मुख्यमंत्री के प्राथमिकता वाले कार्यों की समय-समय पर समीक्षा करती थी। आला अफसर ही बुकलेट तैयार कराकर लेते थे। लेकिन, कोरोना काल के दौरान अधिकतर विभागों ने अपनी रिपोर्ट ही गोल कर दी। इसके पीछे वजह है यह है कि कुछ विभागों को काेरोना की वजह से बजट भी नहीं मिल पाया। ग्रामीण क्षेत्र में नाली, खडंजा का कार्य भी कोराेना में तेजी से नहीं हो पाया। पिछले तीन महीने तो पंचायत भवन और सामुदायिक शौचालय के निर्माण में उलझ गए। मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों से सीडीओ को हर महीने मुख्यमंत्री कार्यालय को सीएम की प्राथमिकता वाले कार्यों की रिपोर्ट भेजनी है। उन्हें भी इस संबंध में सीएल कार्यालय से पत्र मिला है।
यह हैं मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले काम
सरकारी अस्पतालों में दवाओं और चिकित्सकों की उपलब्धता, एम्बूलेंस सेवाओं की स्थिति ठीक रखना, बच्चों और पशुओं का टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, राज्य और 14वें वित्त आयोग से आने वाली धनराशि का सही कार्यों उपयोग, विधवा और दिव्यांग पेंशन सेवा दिया जाना, मनरेगा से होने वाले कामों में पारदर्शिता, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की धनराशि सही सड़कों पर खर्च किया जाना, राष्ट्रीय ग्रामीण पेय जल मिशन के बनाए जाने वाली योजना का संचालन ठीक से कराना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ समाज के अंतिम छोर तक पहुंचना, नई सड़कों का निर्माण, जनता की मांग के मुताबिक सेतु बनवाना, कर एवं करेत्तर राजस्व संग्रह, राजस्व और चकबन्दी वादों का निस्तारण, नगरीय स्ट्रीट लाइटें लगवाना, ट्रांसफार्मरों की उपलब्धता, पारदर्शी किसान सेवा योजना का लाभ दिलाना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण योजना का लाभ किसानों को मिल, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट स्थापना से संबंधित कार्यक्रम, खाद्य/बीज की उपलब्धता एवं वितरण, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), आईसीडीएस के माध्यम से गांवों को कुपोषण मुक्त करना, 50 लाख से अधिक लागत के प्रोजेक्टों के काम में प्रगति लाना।