अब ग्रामीण होंगे इंटरनेट कंपनी के पार्टनर, बड़े काम की है बीएसएनएल की यह योजना
Self reliant India आय में होगी बीएसनएल व पार्टनर की हिस्सेदारी। तेज गति से साथ मिलेगी इंटरनेट की सुविधा। गांव के लोगों को मिलेगी सुविधा।
मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया)। आत्मनिर्भर भारत के तहत बीएसएनएल ने अपनी और ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने की योजना तैयार की है। इसमें ग्रामीण इंटरनेट कंपनी के पार्टनर होगे। वे गांव में इंटरनेट का कनेक्शन देने, तार डालने, बिल जमा कराने का काम करेंगे। इससे बीएसएनएल को ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से उपभोक्ता मिल सकेंगे।
बीएसएनएल ने देश के अधिकांश गांवों तक आप्टिकल फाइबर केबिल डालने का काम पूरा कर लिया है। मुरादाबाद टेलीफोन जिले के मुरादाबाद, सम्भल, अमरोहा जिले के 15 सौ गांव तक आप्टिकल फाइबर केबिल पहुंचाई जा चुकी है। इस आप्टिकल फाइबर केबिल के माध्यम से ग्राम पंचायत को फ्री में हाईस्पीड ब्राड बैंड का कनेक्शन दिया जा रहा है। राज्य सरकार के सहयोग नहीं देने से ग्राम पंचायत को आप्टिकल फाइबर केबिल के द्वारा इंटरनेट की सुविधा नहीं मिल पा रही है। गांव के स्तर पर बीएसएनएल के कर्मचारी नहीं होने से ग्रामीणों को हाई स्पीड ब्राड बैंड की सुविधा नहीं मिल पाती है। बीएसएनएल ने इसके साथ भारत एयर फाइबर सेवा शुरू की है। जिसके तहत जिस गांव में आप्टिकल फाइबर केबिल नहीं पहुंची है, वहां के लोगों को वायरलैस सिस्टम के ब्राडबैंड की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। दूर दराज के गांव में भी 50 मेगा बाइट प्रति सेकेंड (एमवीपीएस) की गति से इंटरनेट चलेगा। जिससे गांव रहने वाले छात्र ही आनलाइन पढ़ाई कर पाएंगे। ग्रामीण अपने घर से देश दुनिया से जुड़ पाएंगे। खेती किसानी की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। अन्य सरकारी योजना का भी लाभ उठा पाएंगे।
बीएसएनएल सरकार की आत्मनिर्भर भारत को बढ़ाने देने के साथ गांव में ग्राहक बनाने का काम करेगा। इसके लिए टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स (टीआइपी) बनाएगा। जिसमें ग्रामीण के स्वयं सहायता समूह को यह काम दिया जाएगा। वे ब्राडबैंड कनेक्शन लेने वालों का फार्म भरवाने का काम करेगा। उपभोक्ता के घरों तक कनेक्शन के लिए तार डालने, खराब होने पर ठीक करने, बिल जाम कराने का काम करेगा। बीएसएनएल स्वयं सहायता समूह को आय का 20 से 50 फीसद हिस्सेदारी देगा। कनेक्शन के संख्या के आधार पर हिस्सेदारी तय किया जाएगा।महाप्रबंधक संजय प्रसाद ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के योजना में गांव के स्वयं सहायता समूह को टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स (टीआइपी) से जोड़ा जाएगा।