अब ट्रेनों में भी मिलेंगे खिलौने व सेनेटरी पैड, आय बढ़ाने के लिए रेलवे जल्द जारी करेगा वेंडराें को लाइसेंस
चलती ट्रेन में यात्रियों को खाना उपलब्ध कराने के लिए रेलवे ने कई तरह की व्यवस्था की है। कुछ ट्रेनों में पेंट्रीकार लगाए हैं जिस ट्रेन में पेंट्रीकार नहीं है उसमें खान-पान के लिए वेंडर तैनात किए जाते हैं। इसके अलावा आनलाइन आर्डर देकर खाना भी मंगाने की व्यवस्था है।
मुरादाबाद, (प्रदीप चौरसिया)। चलती ट्रेनों में जल्द ही खिलौना बेचने वालों की आवाज सुनाई देगी। खिलौना बेचने वाला बच्चों के खिलौनाें से लेकर महिला व पुरुष यात्रियों की जरूरत को पूरा करने का काम करेगा। इससे रेलवे की आय बढ़ेगी और यात्रियों को सुविधा भी मिलेगी।
चलती ट्रेन में यात्रियों को खाना उपलब्ध कराने के लिए रेलवे ने कई तरह की व्यवस्था की है। कुछ ट्रेनों में पेंट्रीकार लगाए हैं, जिस ट्रेन में पेंट्रीकार नहीं है, उसमें खान-पान के लिए वेंडर तैनात किए जाते हैं। इसके अलावा आनलाइन आर्डर देकर खाना भी मंगाने की व्यवस्था है। ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को इसके अलावा कई जरूरतें होती हैं। वह ट्रेन या प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध नहीं होती हैं। कई बार यात्री रेल मंत्री या रेलवे अधिकारी से ट्वीट कर बच्चों के दूध, दूध की बोतल व महिलाएं सेनेटरी पैड तक की मांग करती हैं। इसे देखते हुए रेलवे ने यात्रियों को इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराकर अतिरिक्त आय की योजना तैयार कर ली है।
अब ट्रेनों में खिलौना बेचने के लिए वेंडर तैनात किए जाएंगे और उन्हें लाइसेंस जारी होंगेे। वेंडर से लाइसेंस शुल्क लिया जाएगा। लाइसेंस निर्धारित स्टेशन के बीच दिया जाएगा। मुरादाबाद मंडल में मुरादाबाद से लखनऊ, दिल्ली, सहारनपुर मार्ग पर लाइसेंस दिया जाएगा। लाइसेंस के साथ वेंडरों के सामान बेचने के लिए ट्रेन निर्धारित की जाएगी। वेंडर से निर्धारित दूरी का मासिक सीजन टिकट (एमएसटी) का किराया भी लिया जाएगा। खिलौना बेचने वाले वेंडर खिलौना के साथ तौलिया, रूमाल, छोटे बच्चे के नेपकिन, महिलाओं के लिए सेनेटरी पैड, दूध की बोतल, पाउडर दूध, हैंड वाश साबुन, ब्रश, हवा वाला तकिया आदि सामान भी रहेगा। जो यात्री उक्त समान सफर में लाना भूल गए हैं, वह यात्री आसानी से खरीद पाएंगे। रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक ट्रेनों में खिलौना बेचने की अनुमति नहीं होगी।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने बताया कि खिलौना बेचने वालों को लाइसेंस देने की योजना प्रस्तावित है। इस योजना के लिए छह वेंडर ने आवेदन भी कर दिया है। मुख्यालय से अनुमित लेकर खिलौना बेचने के लिए वेंडरों को नियम के अनुसार लाइसेंस जारी किया जाएंगे। इससे यात्रियों की सुविधा के साथ रेलवे की आय में वृद्धि होगी।