अब गांवों में ही किसानों को मिलेगा खसरा और खतौनी, पंचायत सहायकों को प्रशिक्षण देने का काम पूरा
ग्राम सचिवालय में ही किसानों को खसरा-खतौनी और मूल निवास प्रमाण पत्र मिलने शुरू हो जाएंगे। प्रशिक्षकों ने सरलता पूर्वक समझाने का प्रयास किया। कंप्यूटर की बेसिक जानकारी के साथ-साथ पंचायती राज पोर्टल नेशनल पंचायत पोर्टल ई-डिस्ट्रिक्ट और ई ग्राम स्वराज पोर्टल के बारे में विस्तार से बताया।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। गांव के किसानों के लिए राहत भरी खबर है, अब उन्हें खसरा-खतौनी के लिए शहर की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी, ये सुविधा उन्हें गांव में ही मिल जाएगी। पंचायत सहायकों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उन्हें ग्राम पंचायतों में होने वाले कामों के बारे में विस्तार से बताया जा चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही उन्हें यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।
उप निदेशक पंचायत एसके सिंह ने बताया कि गांव के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने की जिम्मेदारी पंचायत सहायकों की है। पंचायत सहायकों के कार्यभार संभाल लेने के बाद ग्राम सचिवालय में ही किसानों को खसरा-खतौनी और मूल निवास प्रमाण पत्र मिलने शुरू हो जाएंगे। दो दिवसीय आवासीय पंचायत सहायकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हो गया है। उप निदेशक पंचायत ने कहा कि अपनी ग्राम पंचायतों में तैनाती होने के कारण शिकायतें आएंगी। लेकिन, पक्षपात नहीं करना है। अपनी सूझबूझ से कार्य करते हुए योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम करें। तकनीकी प्रशिक्षण पर राज्य प्रशिक्षक अमित कुमार सिंह तोमर, लव कुमार, ईशांत कुमार शर्मा ने चर्चा की। प्रशिक्षकों ने सरलता पूर्वक समझाने का प्रयास किया। कंप्यूटर की बेसिक जानकारी के साथ-साथ पंचायती राज पोर्टल, नेशनल पंचायत पोर्टल, ई-डिस्ट्रिक्ट और ई ग्राम स्वराज पोर्टल के बारे में विस्तार से बताया। पंचायती राज पुरस्कार से संबंधित वेबसाइट की भी जानकारी दी। पोर्टल के माध्यम से आय, जाति, खसरा खतौनी, मूल निवास, जन्म- मृत्यु प्रमाण पत्र आदि के बारे में विस्तार से समझाया, क्योंकि ग्राम सचिवालयों की शुरुआत होते ही यह सभी सुविधाएं गांवों में ही मिलनी शुरू हो जाएगी।
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