मुरादाबाद के नोडल अधिकारी फोन पर कहते हैं, निजी अस्पतालों में नहीं हैं बेड, यहां पढ़ें जिले की पूरी हकीकत
Moradabad Coronavirus News दैनिक जागरण ने इन सभी नोडल अधिकारियों को फोन करके अस्पतालों की व्यवस्थाओं की जानने के लिए एक आम नागरिक रूप में फोन में किया। लेकिन ज्यादातर अधिकारियों ने बेड फुल होने की बात कही।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं ध्वस्त हो चुकी है। ऑक्सीजन की कमी के साथ ही सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में बेड नहीं मिल पा रहे हैं। बीते एक सप्ताह में ऑक्सीजन की किल्लत के चलते कुछ निजी अस्पतालों में मरीजों को छुट्टी दी जा रही है। मौजूदा समय में कोई भी निजी अस्पताल बिना सिफारिश के कोविड पीड़ित मरीज के इलाज का जोखिम नहीं उठा रहा है।
जिला प्रशासन ने करीब एक सप्ताह पहले शहर के आठ निजी अस्पतालों में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए एसडीएम और तहसीलदार को नोडल अधिकारी बनाया बनाया था। इनके सीयूजी नंबर जारी करके कोविड पीड़ितों की मदद के लिए कहा गया था। लेकिन यह नोडल अधिकारी भी निजी अस्पतालों की अव्यवस्थाओं के आगे सरेंडर कर चुके हैं। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन के साथ ही वेंटीलेटर खाली नहीं हैं। ऐसे में जब इन नोडल अधिकारियों को फोन करके मदद की मांगी जाती है, तो यह व्यवस्था करने का आश्वासन देकर बात को खत्म कर देते हैं, जबकि कुछ अफसरों के फोन ही नहीं उठ रहे हैं। दैनिक जागरण ने इन सभी नोडल अधिकारियों को फोन करके अस्पतालों की व्यवस्थाओं की जानने के लिए एक आम नागरिक रूप में फोन में किया। लेकिन ज्यादातर अधिकारियों ने बेड फुल होने की बात कही। वहीं कुछ अधिकारियों के फोन बंद रहे, जबकि कुछ ने फोन उठाकर जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा।
अस्पताल नाम
कॉसमास
नोडल अधिकारी-हिमांशु, एसडीएम कांठ
नोडल अधिकारी के सीयूजी नंबर पर फोन किया गया,लेकिन नोडल अधिकारी का फोन स्विच ऑफ था जब इस संबंध में उच्च अधिकारियों से बात की गई तो पता चला कि नोडल अधिकारी स्वयं बीमार चल रहे हैं, इसलिए अवकाश हैं। अवकाश में होने के कारण फोन बंद आ रहा है।
एशियन विवेकानंद अस्पताल
नोडल अधिकारी-विभा श्रीवास्तव, तहसीदार कांठ
नोडल अधिकारी के सीयूजी नंबर पर फोन करने पर उन्होंने फोन उठाया। इस दौरान उनसे अस्पताल में इलाज और बेड के संबंध में जानकारी मांगी गई। लेकिन नोडल अधिकारी ने पूरी जानकारी देने की जगह केवल बेड नहीं होने की जानकारी देकर फोन काट दिया।
ब्राइट स्टार अस्पताल
नोडल अधिकारी-प्रशांत तिवारी, एसडीएम सदर
ब्राइट स्टार के साथ आरएसडी अस्पताल के नोडल अधिकारी है। सीयूजी फोन उठाने के बाद नोडल अधिकारी ने कहा कि उनके निगरानी में जो अस्पताल हैं, वहां पर बेड तो मिल रहे हैं, लेकिन ऑक्सीजन मिलने में परेशानी होने की जानकारी अस्पताल प्रबंधन से प्राप्त हुई है। इस समस्या के कारण गंभीर रूप से बीमार मरीजों को दाखिल करने में दिक्कत हो रही है, लेकिन ऑक्सीजन की व्यवस्था होने के साथ ही मरीजों को एडमिट किया जाएगा।
क्रेस्ट अस्पताल
नोडल अधिकारी-नितिन तेवतिया, तहसीलदार सदर
कांठ रोड स्थित क्रेस्ट अस्पताल के नोडल अधिकारी ने सीयूजी फोन उठाया,जब उनसे अस्पताल में बेड के संबंध में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में बेड फुल हैं,ऐसे में किसी नए मरीज को एडमिट नहीं किया जा रहा है।
साईं अस्पताल
नोडल अधिकारी-प्रबुद्ध सिंह, एसडीएम बिलारी
साईं अस्पताल के नोडल अधिकारी के सीयूजी नंबर पर फोन किया गया तो उन्होंने फोन उठाकर बताया कि अस्पताल में बेड फुल हो चुके हैं, लेकिन नए मरीज को दाखिल करने के संबंध में बात करके जानकारी दी जाएगी।
एपेक्स अस्पताल
नोडल अधिकारी-प्रभा सिंह, तहसीलदार बिलारी
नोडल अधिकारी के सीयूजी नंबर पर फोन किया गया, लेकिन तहसीलदार का सीयूजी नंबर नहीं उठा। उसके बाद पलटकर भी कोई जवाब नहीं दिया गया।
सिद्ध अस्पताल
नोडल अधिकारी-परमानंद, एसडीएम ठाकुरद्वारा
नोडल अधिकारी के सीयूजी फोन उठाकर अस्पताल में मरीज दाखिल करने के लिए मदद मांगी गई, एसडीएम ने कहा कि अस्पताल में तत्काल बेड उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन हम बेड उपलब्ध कराने का प्रयास करते हैं। जैसे ही बेड खाली होने की जानकारी प्राप्त होगी, तत्काल सुविधा प्रदान की जाएगी।
कोठीवाल डेंटल कॉलेज
नोडल अधिकारी-धर्मेंद्र सिंह, तहसीलदार ठाकुरद्वारा
डेंटल कॉलेज के नोडल अधिकारी तहसीलदार ठाकुरद्वारा ने सीयूजी फोन उठाया, उनसे जब मदद मांगी गई तो उन्होंने पूरी जानकारी लेने के साथ ही एक घंटे में मदद का आश्वासन दिया। लेकिन इसके बाद नोडल अधिकारी के द्वारा कोई भी जानकारी नहीं प्रदान की गई।