नोडल अधिकारी ने बस अड्डे व डिपो का किया निरीक्षण, कहा- लॉकडाउन में 30 लाख से लोगों को पहुंचाया गया घर
सरकार ने रोडवेज को प्रथम किश्त के रूप में श्रमिकों के किराए का 225 करोड़ रुपये भुगतान कर दिया है।
जेएनएन, मुरादाबाद। मुरादाबाद मंडल के रोडवेज के नोडल अधिकारी अजय मेहरोत्रा ने कहा कि कोरोना काल में रोडवेज की बसों से श्रमिक, छात्रों व अन्य को घर तक पहुंचाया है। प्रदेश सरकार ने बस का किराया का प्रथम किश्त 225 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। जिससे रोडवेज कर्ज में डूबने से बच गया है।
रोडवेज मुख्यालय लखनऊ में तैनात महाप्रबंधक (वित्त) व मंडल के नोडल अधिकारी अजय मेहरोत्रा बुधवार को मुरादाबाद पहुंचे। स्थानीय बस डिपो का निरीक्षण किया और क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय पहुंच कर कार्य का जायजा लिया। नोडल अधिकारी ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा कि लॉकडाउन के बाद दिल्ली व नोएडा से घर जाने के लिए श्रमिक पैदल जाना शुरू कर दिया था। अप्रैल माह में रोडवेज की बसों द्वारा सभी को घर पहुंचा था। मई में विभिन्न स्थानों पर फंसे श्रमिकों को घर पहुंचाने, दूसरे राज्यों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को लाने के बसों को चलाया गया था। रोडवेज इस दौरान 30 लाख से अधिक लोगों को गंतव्य तक पहुंचाया। रोडवेज प्रबंधन ने 625 करोड़ रुपये किराया के लिए प्रदेश सरकार को पत्र भेजा था। प्रदेश सरकार ने प्रथम किश्त में 225 करोड़ रुपये भुगतान कर दिया है। जिससे रोडवेज प्रबंधन को कर्ज नहीं लेना पड़ा और कर्मियों का वेतन व अन्य खर्च चल रहा है।
उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए बसें चल रहे हैं। यात्री कम मिलने से रोडवेज को नुकसान हो रहा है। रोडवेज लाभ कमाने के बजाय यात्रियों व रोडवेज कर्मियों को कोरोना से बचाने के लिए विशेष ध्यान दे रहा है। बसों को सैनिटाइज कराया जा रहा है। कर्मियों को सुरक्षा कवच उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसके बाद नोडल अधिकारी मुरादाबाद व पीतल नगरी बस डिपों का निरीक्षण किया। साथ ही यूनियन के प्रतिनिधयों से भी मिले। कोरोना से सुरक्षित रह कर बसों का संचालन करने को कहा।