No confidence motion : फर्जी वोट डालने वाले भेजे गए जेल, होगा कोरोना टेस्ट
No confidence motion हाईकोर्ट के निर्देश का अनुपालन करते हुए वोटिंग हुई। अब दस जुलाई को हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ही परिणाम को घोषित किया जाएगा।
मुरादाबाद। मूढ़ापांड़े ब्लाक प्रमुख के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बुधवार को चर्चा के साथ ही वोटिंग की गई थी। इस प्रक्रिया में कुल 81 क्षेत्र पंचायत के सदस्यों ने भाग लिया था। लेकिन वोटिंग के दौरान फर्जी वोट डालने पहुंचे गजेंद्र और जमेशद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। गुरुवार को दोनों आरोपितों को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया था। सीजेएम कोर्ट ने दोनों आरोपितों की जमानत याचिका को खारिज करते हुए जेल भेज दिया। दोनों आरोपितों को दिल्ली रोड स्थित अस्थायी जेल में रखा जाएगा। यहां पर कोरोना टेस्ट करने के बाद आरोपितों को अस्थाई जेल में भेजा जाएगा।
ब्लाक प्रमुख ने जांच कराने की मांग
ब्लाक कार्यालय में फर्जी वोटिंग करने पहुंचे दो आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद ब्लाक प्रमुख ललित कौशिक ने जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह को शिकायत पत्र देकर उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने बैठक का बहिष्कार किया था। इसी का फायदा उठाते हुए विपक्ष के द्वारा फर्जी वोटिंग कराई गई है। ब्लाक प्रमुख ने मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच करने के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की जाए। शिकायत पत्र के आधार पर जिलाधिकारी ने एसडीएम से रिपोर्ट मांगी है।
यह है पूरा मामला
मूंढ़ापांडे ब्लाक प्रमुख ललित कौशिक के खिलाफ क्षेत्र पंचायत सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर ब्लाक कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया। एसडीएम सदर हिमांशु वर्मा की अध्यक्षता में क्षेत्र पंचायत सदस्यों से चर्चा के बाद वोटिंग की कार्रवाई की गई। इस दौरान कुल 98 सदस्यों में से 81 सदस्यों ने भाग लिया। वोटिंग की कार्रवाई के बाद काउंटिंग करने के साथ ही परिणाम को लिफाफे में बंद कर दिया गया। यह परिणाम हाईकोर्ट के निर्देश पर दस जुलाई को घोषित किया जाएगा।
बीते छह माह से ब्लाक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर घमासान चल रहा था। लेकिन लॉकडाउन के चलते इस मामले में कोई फैसला नहीं हो सका था। लॉकडाउन खत्म होते ही दोबारा से क्षेत्र पंचायत के सदस्यों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से कार्रवाई करने के लिए कहा था। जिसके बाद एक जुलाई की तारीख बैठक के लिए तय कर दी गई थी। 81 सदस्यों की पहचान करने के साथ ही वोट डालने की अनुमति प्रदान की गई।