Night Curfew in Moradabad : आइसक्रीम और मुरादाबादी दाल का कारोबार ठप, कम हो गई दुकानदारों की कमाई
शहर में रात में आइस्क्रीम बेचने वाले आलोक कुमार का कहना है कि वह रात्रि कर्फ्यू लगने से पहले ढाई से तीन हजार का माल बेच लेते थे। अब सिर्फ चार सौ से पांच सौ रुपये की बिक्री हो रही है।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के चलते रात्रि कर्फ्यू की अवधि बढ़ने से शहर में मुरादाबादी दाल, चाट पकौड़ी व आइसक्रीम का कारोबार करने वाले लोग काफी परेशान हो गए हैं। इन सभी दुकानदारों का कहना है कि जहां पहले हम लोग पांच सौ रुपये कमाते थे, अब अस्सी से सौ रुपये तक घर ले जा रहे हैं। कोरोना ने रात की दुकानदारी करने वाले दुकानदारों का कारोबार पूरी तरह से ठप कर दिया है।
शहर में रात में आइस्क्रीम बेचने वाले आलोक कुमार का कहना है कि वह रात्रि कर्फ्यू लगने से पहले ढाई से तीन हजार का माल बेच लेते थे। अब सिर्फ चार सौ से पांच सौ रुपये की बिक्री हो रही है। इससे 80 से सौ रुपये तक एक दिन की कमाई बची है। रामबाबू कहते हैं कि हमारी दुकानदारी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। 100 रुपये की भी बिक्री नहीं हो रही है। आशु कुमार का कहना है कि शहर के बुध बाजार, मंडी चौक, गलशहीद, ताड़ीखाना, गंज गुरहट्टी, सिविल लाइंस व कांठ रोड समेत कई इलाकों में आइसक्रीम के मोबाइल ठेले लगते हैं। विजय सिंह ने बताया कि लगभग 500 से ज्यादा आइस्क्रीम बेचने वाले हैं, उन सभी परिवारों में परिवार चलाने का सकंट है। इसके अलावा मुरादाबाद की मशहूर दाल के विक्रेता भी सिर्फ 8 बजे रात तक बिक्री की वजह से ज्यादा माल नहीं बेच पा रहे हैं। कांठ रोड स्थित अकबर के किले पास मुरादाबाद दाल बेचने वाले मनोज ने बताया कि 8 बजे ही दुकानदारी शुरू होने का समय होता है, लेकिन अब इस समय रात्रि कर्फ्यू लगने से दुकानदारी खराब हो जाती है। जिसके चलते अब हम थोड़ी ही दाल बनाकर बेच रहे हैं। वहीं चाट पकौड़ी वालों का भी हाल खराब है। जब दुकानदारी का वक्त होता है तो दुकानें बंद होने लगती हैं। इस समस्या से जूझ रहे तमाम उन कारोबारियों का हाल खराब है जो रोज रात को ठेला लगाकर व्यापार करते हैं। इन सभी की रात्रि कर्फ्यू की वजह से एक चौथाई बिक्री होती है। कांठ रोड स्थित अकबर के किले पास मुरादाबाद दाल बेचने वाले मनोज ने बताया कि 8 बजे ही दुकानदारी शुरू होने का समय होता है, लेकिन अब इस समय रात्रि कर्फ्यू लगने से दुकानदारी खराब हो जाती है। जिसके चलते अब हम थोड़ी ही दाल बनाकर बेच रहे है। वहीं चाट पकौड़ी वालों का भी हाल खराब है। जब दुकानदारी का वक्त होता है तो दुकानें बंद होने लगती हैं। इस समस्या से जूझ रहे तमाम उन कारोबारियों का हाल खराब है जो रोज रात को ठेला लगाकर व्यापार करते हैं। इन सभी की रात्रि कर्फ्यू की वजह से एक चौथाई बिक्री होती है।