New Education Policy : रूहेलखंड विश्वविद्यालय में अब नहीं चलेगी मनमानी, छात्रों सहित गुरूजी को करनी होगी मेहनत, आना होगा कॉलेज
New Education Policy नई शिक्षा नीति अब शिक्षकों को डिग्री कालेज में पढ़ाने के लिए बाध्य करेगी। यही नहीं प्रवेश लेने के बाद सीधे परीक्षा देने वाले छात्रों को भी कालेज में आकर पढ़ना होगा। नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों की आरामतलबी पर ब्रेक लगेगा।
मुरादाबाद, जेएनएन। New Education Policy : नई शिक्षा नीति अब शिक्षकों को डिग्री कालेज में पढ़ाने के लिए बाध्य करेगी। यही नहीं प्रवेश लेने के बाद सीधे परीक्षा देने वाले छात्रों को भी कालेज में आकर पढ़ना होगा। नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों की आरामतलबी पर ब्रेक लगेगा। अब सालाना नहीं बल्कि सेमेस्टर स्तर पर हर छह महीने में परीक्षाएं होंगी और एक सेमेस्टर के हर तीसरे महीने में टर्म परीक्षा होगी।
जिससे साल में दो सेमेस्टर व दो टर्म परीक्षाएं देना अनिवार्य होगा। एक अक्टूबर से शैक्षिक कैलेंडर लागू हो जाएगा। इसका कैलेंडर भी जारी कर दिया गया है। प्रथम मिड टर्म परीक्षा एक नवंबर से 10 नंवबर तक करा ली जाएगी। इसी तरह दूसरी मिड टर्म परीक्षा 13 दिसंबर से 23 दिसंबर के मध्य होगी। प्रथम सेमेस्टर परीक्षा 24 जनवरी से 28 फरवरी के मध्य होगी। इस नई शिक्षा नीति को विश्वविद्यालय ने लागू कर दिया है।
कालेजों को 90 शैक्षणिक सत्र पूरे करने होंगे। लिहाजा,अब स्नातक की डिग्री पढ़ाई के बल पर मिलेगी। फिलहाल यह स्नातक प्रथम वर्ष के लिए लागू किया गया। अब कक्षा में उपस्थित नहीं होने वाले छात्रों को परीक्षा उत्तीर्ण करना मुश्किल होगा। इसका छात्रों ने स्वागत किया है। बोले कि कालेजों में पढ़ाई होनी चाहिए।
इससे छात्र-छात्राओं में विषय की समझ बढ़ेगी और अपने को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी। डा.योगेंद्र सिंह, प्रवेश प्रभारी, केजीके कालेज
नई शिक्षा नीति में पढ़ने और पढ़ाने को लेकर छात्र व शिक्षकों को गंभीर होना पढ़ेगा। टर्म परीक्षा से लेकर सेमेस्टर परीक्षाएं ही शिक्षा प्रणाली में सुधार लाएंगी। डा.बीबी सिंह, प्राचार्य, हिंदू कालेज
नई शिक्षा नीति सरकार लेकर आई है। नि:संदेह अब शिक्षकों को भी पढ़ाने के लिए बाध्य होना पढ़ेगा। अमन पंडित, छात्र
अब शिक्षकों को बहाना नहीं मिलेगा कि छात्र नहीं आते। इस नीति में छात्र कालेज जाएंगे तो पढ़ाना भी होगा।अमन शर्मा, छात्र