नया उपभोक्ता कानून 20 से होगा लागू, आप भी जान लीजिए अपने अधिकार
New consumer law राष्ट्रीय आयोग अधिनियम की धारा 58 के आधार पर केंद्रीय प्राधिकरण के आदेश के खिलाफ अपील सुन सकता है।
सम्भल, जेएनएन। 20 जुलाई से नया उपभोक्ता कानून लागू हो जाएगा। यह 1986 के कानून का स्थान लेगा। नया उपभोक्ता संरक्षण कानून अपने कई नये अधिसूचित नियमों व प्रावधानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति अधिक सुरक्षा प्रदान करेगा। नये उपभोक्ता संरक्षण कानून में उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, मध्यस्थता, उत्पादों के लिए तय जिम्मेदारी और मिलावटी/खतरनाक उत्पाद बनाने और बेचने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान, उपभोक्ताओं को अधिक सुरक्षा और अधिकार प्रदान करता है। केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण बहुत जल्द काम शुरू कर देगा। यह अनुचित व्यापार गतिविधियों पर रोक लगाने हेतु सामूहिक कार्रवाई और नियमों को लागू कर उपभोक्ताओं के हितों को सुरक्षा देगा।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्वाइंट
जिला फोरम का नाम बदलकर जिला आयोग कर दिया गया। विपक्षी पक्ष को राज्य आयोग के समक्ष अपील दायर करने से पहले जिला आयोग द्वारा आदेशित राशि का 50 फीसद जमा करना अनिवार्य। राज्य आयोग को अपील दायर करने की सीमा अवधि 30 दिनों से बढ़ाकर 45 दिनों तक की गयी है, जबकि देरी को रोकने के लिए शक्ति बरकरार रखी गयी है। राज्य आयोग में न्यूनतम 1 अध्यक्ष और 4 सदस्य होंगे। जिला आयोग का मूल आर्थिक क्षेत्र 1 करोड़ तक होगा, 1 करोड़ से अधिक की धनराशि के मामले सुनेगा राज्य आयोग। अब शिकायतकर्ता आयोग के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में भी शिकायत दर्ज कर सकता है, जहां शिकायतकर्ता निवास करता है।
आरोप की जांच का भी पैमाना तय सम्भल
धारा 70 में जिला आयोग पर राज्य आयोग के प्रशासनिक नियंत्रण और राज्य आयोग पर राष्ट्रीय आयोग का प्रावधान है। यह अंतर राज्य सरकार / जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के खिलाफ किसी भी आरोपों की जांच के लिए और आवश्यक कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार को समर्थन के साथ संबंधित राज्य सरकार को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए प्रदान करता है। अधिनियम में धारा 74 की शुरुआत के माध्यम से मध्यस्थता को वैधानिक दर्जा दिया गया है।
नए उपभोक्ता संरक्षण कानून का लाभ निश्चत रूप उपभोक्ताओं को मिलेगा। उपभोक्ता आयोग को 1 करोड़ तक की धनराशि के मुकदमे सुनने एवं उपभोक्ता के निवास वाले आयोग मे मुकदमे दायर करने का प्रावधान क्रांतिकारी परिवर्तन है। नियुक्तियां समय पर हो। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे। मुकदमे समय सीमा मे तय हो तभी उपभोक्ताओं को वास्तविक लाभ मिलेगा।
देवेंद्र वाष्र्णेय, उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता