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नए बायर्स की उपस्थिति ने बढ़ाया निर्यातकों का उत्साह

हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के दिल्ली मेले का चौथा दिन।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 02:42 AM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 02:42 AM (IST)
नए बायर्स की उपस्थिति ने बढ़ाया निर्यातकों का उत्साह
नए बायर्स की उपस्थिति ने बढ़ाया निर्यातकों का उत्साह

मुरादाबाद,जासं : हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के दिल्ली मेले का चौथा दिन कारोबारी ²ष्टि से अच्छा रहा। संकट के समय में बायर्स की रुचि ने निर्यातकों का उत्साह बढ़ाया है। चौथे दिन आए बायर्स में 50 फीसद नए बायर्स की उपस्थिति ने सभी को राहत दी।

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ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने बताया कि प्रदर्शकों को वर्चुअल प्लेटफार्म पर विदेशी खरीदारों, एजेंट और घरेलू मात्रा खरीदार से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा कि स्वर्ण जयंती वाले 50वें संस्करण के वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजन के लिए बधाई दी। विदेशी खरीदारों, प्रदर्शकों, शिल्पकारों और कारीगरों को एक डिजिटल छत के नीचे अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने और लोकल के लिए वोकल के संकल्प को ताकत प्रदान करने में मदद करती है। इससे वैश्विक बाजार में पकड़ बनाने में मदद मिलती है। उन्होंने बताया कि वोकल फॉर लोकल अभियान के अनुरूप भारत के पास वैश्विक सोर्सिंग हब बनने की क्षमता है। ईपीसीएच की इस नई पहल के तहत, प्रमुख खिलौना समूहों के लगभग 14 प्रदर्शकों ने अपने खिलौने और गुड़िया उत्पादों को वर्चुअल प्लेटफार्म पर प्रदर्शित किया।

रवि के. पासी ने कहा कि अब तक शो में एटलस जीएमबीएच, जर्मनी के प्रमुख खरीदारों सहित 106 देशों के 2000 से अधिक विदेशी खरीदारों, एजेंटों और घरेलू वॉल्यूम खुदरा विक्रेताओं ने घर, लाइफस्टाइल, फैशन, फर्नीचर और कपड़ा उत्पाद का दौरा किया है।

पैनल में हुई बांस उद्योग पर चर्चा

मेले के दौरान बांस हस्तशिल्प विपणन, डिजाइन और सतत विकास और आजीविका के लिए कौशल पर वर्चुअल पैनल में चर्चा हुई। डॉ. अलका भार्गव, अतिरिक्त सचिव, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार, ओपी प्रह्लादका, अध्यक्ष हस्तशिल्प और कालीन क्षेत्र कौशल परिषद, विशाल ढींगरा, अध्यक्ष, खरीद एजेंट एसोसिएशन, जेसमिना •ोलियांग, प्रशासन समिति सदस्य, आरके वर्मा कार्यकारी निदेशक ईपीसीएच ने विचार रखे। इसमें नए डिजाइन, नए उत्पादों, पैकेजिग, ब्रांडिग, कौशल विकास, तकनीकी हस्तक्षेप, राष्ट्रीय बांस मिशन की भूमिका, कच्चे माल की उपलब्धता, रसद के बारे में बात की गई।


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