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भाक‍ियू असली के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा-किसानों को जीतना है, 100 साल तक कोई कानून बनाने की हिम्मत नहीं करेगा

Kisan Mahapanchayat in Bilari भारतीय किसान यूनियन असली के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह ने कहा कि सरकार किसानों का अपमान कर रही है। तीनों कृषि कानूनों की वापसी किसानों के सम्मान की लड़ाई है। इसलिए यह लड़ाई जीतना है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2021 09:02 AM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 09:02 AM (IST)
भाक‍ियू असली के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा-किसानों को जीतना है, 100 साल तक कोई कानून बनाने की हिम्मत नहीं करेगा
उत्तर प्रदेश में बिजली तीन गुना महंगी है। गन्ने का रेट 325 है।

मुरादाबाद, जेएनएन। भारतीय किसान यूनियन असली के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह ने कहा कि सरकार किसानों को खालिस्तानी और आंदोलनजीवी कहकर उनका अपमान कर रही है। हरियाणा में बिजली सस्ती है। गन्ने का दाम 350 प्रति क्विंटल मिल रहा है। जबकि उत्तर प्रदेश में बिजली तीन गुना महंगी है। गन्ने का रेट 325 है।

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राष्ट्रीय अध्यक्ष ब‍िलारी के क‍िसान महापंचायत में शाम‍िल होने आए थे। उन्‍होंने कहा कि हरियाणा की तर्ज पर जनहित के मुद्दों की लड़ाई प्रदेश में लड़ी जाएगी। इसमें टोल फ्री कराने और गन्ने का ब्याज सहित भुगतान का मुद्दा भी शामिल रहेगा। यदि सरकार अन्नदाता की बात नहीं मानेगी तो उसे भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी किसानों के सम्मान की लड़ाई है। इसलिए यह लड़ाई जीतना है। यह लड़ाई हमने जीत ली तो 100 साल तक कोई सरकार किसानों के खिलाफ कानून बनाने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगी।

हरपाल स‍िंंह की ताकत भांपने आए थे किसान नेता

मेधा पाटकर तीसरी बार बुधवार को गन्ना समिति के मैदान में आईं। सबसे पहले वह अन्ना हजारे से आंदोलन के दौरान बिलारी आई थीं। इसके बाद 2015 में हरपाल सिंह ने भाकियू असली का गठन किया तब उनका आना हुआ था। हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी पहली बार बिलारी पहुंचे। इसके अलावा भी कई किसान नेता महापंचायत में शामिल हुए। सभी नेता भाकियू (टिकैत) और भाकियू असली के नेताओं की ताकत को भांपने आए थे। दबी जुबान किसानों के एक बड़े नेता ने तो इसे लेकर सवाल भी किया। सवाल यह था कि दोनों संगठनों की स्थिति क्या है? इस पर जवाब भी गोलमोल ही मिला है। दोनों ही ठीक है।  

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