कोरोना को परास्त करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही सरकार : मुख्तार अब्बास नकवी
श्री नकवी ने कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्हें बेहतर इलाज मुहैया कराएं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार समाज के सभी वर्गों की सेहत-सलामती के लिए काम कर रही है।
मुरादाबाद, जेएनएन। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कोरोना महामारी को परास्त करने के लिए सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। श्री नकवी ने रामपुर जिला अस्पताल में सुविधाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने कमिश्नर व जिलाधिकारी सहित चिकित्सा अधिकारियों के साथ कोरोना से निपटने हेतु किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की।
श्री नकवी ने कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्हें बेहतर इलाज मुहैया कराने के साथ ही उनकी देखरेख पर भी पूरा ध्यान दिया जाए । उन्होंने कहा कि मोदी सरकार समाज के सभी वर्गों की सेहत-सलामती के लिए काम कर रही है। अप्रत्याशित संकट से देश को उबारना सभी की प्राथमिकता है और हमें विश्वास है कि हम जल्द इस संकट से बाहर निकलेंगे। फरवरी 2020 में जब कोरोना संकट शुरू हुआ था तब से एक वर्ष के भीतर सरकार ने संसाधन सुनिश्चित करने के प्रभावी उपाय किए। पहले महामारी से लड़ने के लिए सुविधाएं न के बराबर थीं और अब तमाम सुविधाएं व संसाधन उपलब्ध हैं। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है और अब तक लगभग 18 करोड़ 50 लाख लोगों को कोरोना टीका लगाया जा चुका है। देश भर में 73600 वैक्सीनेशन सेंटर चल रहे हैं। लाखों लोगों को प्रतिदिन टीका लगाया जा रहा है। आज देश भर में 2527 कोरोना टेस्टिंग लैब हैं, जिनकी प्रतिदिन की टेस्टिंग क्षमता 20 लाख से अधिक है। अभी तक लगभग 32 करोड़ कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। औसतन प्रतिदिन 20 लाख से ज्यादा लोगों का कोरोना टेस्ट हो रहा है। राज्यों को एक करोड़ 69 लाख पीपीइ किट, चार करोड़ आठ लाख एन -95 मास्क, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की 11 करोड़ 16 लाख टैबलेट; 42856 वेंटीलेटर, एक लाख 7443 ऑक्सीजन सिलिंडर दिए गए हैं। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों से राज्यों को हजारों मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाई गई है। श्री नकवी ने कहा कि पहले भी कोरोना चुनौतियों के दौरान 80 करोड़ लोगों को निश्शुल्क राशन दिया गया और अब भी दिया जा रहा है। श्री नकवी ने कहा कि जो लोग पहले दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर सवाल उठाते रहे हैं, वे अब वैक्सीनेशन प्रक्रिया पर भ्रम पैदा कर रहे हैं।