Mother's day 2021 : चाहकर भी बच्चों को गले नहीं लगा पातीं स्टाफ नर्स ट्रीजा, मानव सेवा के लिए परिवार से बना ली दूरी
जिला अस्पताल में कोरोना आशांकित मरीजों को सीवियर एक्यूट रेस्पीरेट्री इंफेक्शन (सारी वार्ड) में भर्ती किया जाता है। इसमें स्टाफ नर्स ट्रीजा सिंह पिछले साल कोरोना संक्रमण के दौरान से ही डयूटी कर रहीं हैं। मरीजों की सेवा के लिए उन्होंने परिवार से दूरी बना ली है।
मुरादाबाद [मेहंदी अशरफी]। चलती फिरती हुई आंखों से अजां देखी है। मैंने जन्नत तो नहीं देखी है मां देखी है। मशहूर शायर मुनव्वर राना का ये शेर मां की शान में कहा गया है। मां बच्चों पर अपना सबकुछ न्योछावर करने को तैयार रहती है। बच्चों की खुशी की खातिर वो सबकुछ कर गुजरने को तैयार रहती है। कोरोना महामारी में लोग कहीं भी जाने से बच रहे हैं । ऐसे हालात में मानव सेवा के लिए खुद को खतरे में डालकर डॉक्टर और स्टाफ नर्स जुटे हुए हैं। इनका भी परिवार है, बच्चे हैं। इनकी सुरक्षा के लिए वो खुद को अपने कलेजे के टुकड़ों से अलग किए हुए हैं।
जिला अस्पताल में कोरोना आशांकित मरीजों को सीवियर एक्यूट रेस्पीरेट्री इंफेक्शन (सारी वार्ड) में भर्ती किया जाता है। उस वार्ड में लोग जाने से बचते हैं। लेकिन, उस वार्ड में खुद की फिक्र किए बिना काम करने वाला स्टाफ रात-दिन ड्यूटी कर रहा है। सारी वार्ड इंचार्ज ट्रीजा सिंह की वैसे तो सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक ड्यूटी है लेकिन, इमरजेंसी ड्यूटी में उन्हें किसी भी समय बुला लिया जाता है। पिछले साल से आज तक लगातार उनकी ड्यूटी उसी वार्ड में है। पति एडविन सिंह, दो बच्चे उनके साथ रहते हैं। ग्राउंड फ्लोर पर उनका परिवार रहता है। कोरोना संक्रमण की वजह से वो जब अस्पताल से घर जाती हैं तो बच्चों को फोन करके दरवाजा खोलने के लिए कह देती हैं। इसके बाद वो सीधे प्रथम तल पर बने कमरे में जाकर नहाती हैं। नहाने के बाद ही वो कुछ खाती पीती हैं। वहीं उन्होंने बिस्तर लगा रखा है। बच्चों से दूर से ही बात करती हैं। जिससे बच्चे सुरक्षित रहें। बच्चे खाना बनाकर दूर से ही देते हैं। उनका ये शेड्यूल बना हुआ है। उन्होंने बताया कि हम लोग संक्रमण में काम करके आते हैं। कई बार बच्चों को गले लगाने का मन करता है लेकिन, मजबूरी है कि उनके करीब भी नहीं जा पाती हूं। प्रभु यीशु मसीह से यही प्रार्थना करती हूं कि वो कोरोना महामारी को खत्म कर दें।