मुरादाबाद के यूनियन बैंक गार्ड की बंदूक से चली थी गोली, घायल छात्राएं दो दिन बाद जानें बैंक के सामने क्यों जमा हो गईं
Moradabad Union Bank Firing Case मुगलपुरा थाना क्षेत्र में यूनियन बैंक शाखा में तैनात गार्ड की बंदूक गिरने से गोली चल गई थी। इस हादसे में चार छात्राओं के साथ ही दो महिलाएं घायल हो गई थी। घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Union Bank Firing Case : मुगलपुरा थाना क्षेत्र में यूनियन बैंक शाखा में तैनात गार्ड की बंदूक गिरने से गोली चल गई थी। इस हादसे में चार छात्राओं के साथ ही दो महिलाएं घायल हो गई थी। घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को घायलों के स्वजन ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए बैंक कर्मियों के खिलाफ शाखा के बाहर पहुंचकर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन कर रहे लोग घायलों का निजी अस्पताल में इलाज कराने की मांग कर रहे थे। सूचना मिलने पर मौके पर थाना पुलिस के साथ ही सीओ कटघर पहुंचे। पुलिस अफसरों ने स्वजन से बातचीत की। इसके बाद बैंक अफसरों से घायलाें का निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए कहा। बैंक अफसरों के राजी होने पर प्रदर्शन कर रहे लोग वापस लौट गए। बीते मंगलवार मुगलपुरा थाना क्षेत्र के गोकुलदास डिग्री कालेज के पास स्थित यूनियन बैंक की शाखा में तैनात सुरक्षा गार्ड राजकुमार निवासी सिरकोई भूड़ की बंदूक गिरने से गोली चल गई थी।
गोली बैंक गेट पर लगे शीशे में छेद करती हुई पांच छात्राओं समेत दो महिलाओं को लगी थी। सीसीटीवी फुटेज की जांच में पता चला था कि सिविल लाइंस एस कुमार चौराहा निवासी दिलशाद द्वारा जबरन घुसने के दौरान हुई धक्का-मुक्की में बंदूक गिरने से गोली चल गई थी। बुधवार को पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में बैंक शाखा खोली गई। इसी दौरान गोली लगने से घायल हुई रूबी और राना के स्वजन बैंक के सामने पहुंचकर प्रदर्शन करने लगे। स्वजन ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पताल में उन्हें बेहतर इलाज नहीं मिला। वहीं बैंक के अफसर घायलों का इलाज निजी अस्पताल कराएं।
घायल छात्रा ज्वाला निवासी नवाबपुरा के भाई दीपू ने बताया कि जिला अस्पताल में घायलों का उपचार सही तरीके से नहीं किया। घायल रूबी निवासी डहरिया के भाई मुहम्मद अनस ने आरोप लगाया कि घायलों को साधारण पट्टी बांधकर छुट्टी कर दी थी,जबकि घायलों का एक्स-रे नहीं किया गया। घटना की जानकारी होने पर सीओ कटघर आशुतोष तिवारी पहुंचे। उन्होंने स्वजन और बैंक अफसरों से इलाज के संबंध में बातचीत की। बैंक अफसरों के द्वारा राजी होने पर स्वजन को निजी अस्पताल में इलाज कराने का आश्वासन दिया। जिसके बाद प्रदर्शन कर रहे लोग शांत हो गए।