परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ कर्मचारी का अनोखा अंदाज, रहते हैं चर्चाओं में
Moradabad Transport Department मुरादाबाद परिवहन विभाग के एक कर्मचारी हमेशा अपने अंदाज की वजह से चर्चाओं में रहते हैं। राजनीति में भी उनकी गहरी बैठ है।
मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया)। परिवहन विभाग का कोई भी आला अफसर आए या कहीं कोई कार्यक्रम हो, आफिस का एक वरिष्ठ कर्मचारी हमेशा हाजिर रहता है। जहां फ्लैश चमकती हैं। वहां जरूर नजर आते हैं। उनकी पूछ हो सके। इसके लिए व्यवस्था संभालने वाले कर्मचारी को किनारे कर खुद ही काम करने में जुट जाते हैं। उनके लिए कोई भी काम असंभव नहीं है। इसलिए तो व्यवस्था ठीक होने पर श्रेय लेने में पीछे नहीं रहते हैं। ऐसा बताते हैं कि कितना परेशान होना पड़ा। खराब हो जाए तो दोष अन्य कर्मियों पर मढ़ने में तो उन्हें महारत हासिल है। बड़े साहब के आफिस में होने वाली प्रत्येक बैठक में सबको जरूर नजर आते हैं। इसको देखते ही उस कार्यालय के हर तरह के कर्मचारी खुश हो जाते हैं। खुश होना भी स्वभाविक है। बैठक खत्म होने के बाद हाथ मिलाते हैं। उनकी घुसपैठ सभी राजनीतिक दलों में अंदर तक बनी है।
तुम तो ठहरे परदेसी
रोडवेज में इन दिनों अनुबंधित बस संचालकों को परदेशी घोषित कर रखा है। कोरोना संक्रमण काल में अनुबंधित बस संचालकों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है, तब से बस संचालक रोडवेज का हिस्सा साबित करने में जुटे हुए हैं। रोडवेज की भी आर्थिक स्थिति खराब है। वह भी अनुबंधित बसों के बजाय अपनी बसों के संचालन को प्राथमिकता दे रहा है। अनुबंधित बस संचालक अधिकारियों से लगातार गुहार लगा रहे हैं कि उनकी बसों को भी चलाया जाए। उन्हें आश्वासन देना तो दूर अधिकारी अनुबंधित बसों को देखना भी पसंद नहीं कर रहे हैं और अड्डे से बसों को हटवा दिया है। साथ ही संविदा के कर्मियों को भी किनारे करने की तैयारी कर ली है। उनसे काम न लेना पड़े इसके लिए रोडवेज प्रबंधन ने स्थायी चालक व परिचालकों के लिए आदेश जारी किया है कि अगर वेतन चाहिए तो हर माह चार हजार किलोमीटर बस चलानी होगी।
कोरोना से बचाएगी वीसी
रेलवे में एक के बाद एक तीन अधिकारी व कर्मचारी कोरोना संक्रमित मिले हैं। इससे सभी भयभीत हैं। छुट्टी मांगने वाले कर्मचारी का आवेदन आते ही स्वीकृत मिल जाती है। बचाव के लिए सभी अधिकारियों ने चेंबर से कुर्सी हटाकर दूर रखवा दी हैं। जो अधिकारी या कर्मचारी आफिस में मास्क नहीं लगाते थे। उन्होंने मास्क लगाना शुरू कर दिया। अधिकारियों ने काम की समीक्षा करने के लिए बैठक बुलाने के बजाय वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) शुरू कर दी है। इन दिनों सभी अधिकारी इसी में व्यस्त हैं। प्रतिदिन दो से तीन बार वीडियो कांफ्रेंस हो रही हैं। ब्रांच अधिकारी भी निरीक्षण करने के लिए बाहर निकलने में परहेज कर रहे हैं। मोबाइल पर ही समीक्षा करके और रिपोर्ट मंगा ली जाती है। ट्रेड यूनियन लीडर भी घरों बैठकर अधिकारियों से वार्ता कर वाट्सएप पर अधिकारियों को मांग पत्र भेज रहे हैं। कोरोना से बचने के लिए संदेश दे रहे हैं।
नहीं मिलेगा ब्राडबैंड का कनेक्शन
कोरोना के संक्रमण काल में डिजिटल इंडिया सभी का सहारा बनकर सामने आया है। इंटरनेट कनेक्शन की मांग बढ़ गई है। बच्चों की आनलाइन पढ़ाई हो चाहे घर बैठकर आफिस का काम करना हो, सभी के लिए इंटरनेट चाहिए। मोबाइल का इंटरनेट बड़ी फाइल भेजने में सक्षम नहीं हैं। धीमी गति के इंटरनेट के बजाय तेज गति वाला इंटरनेट हर कोई चाहता है। बीएसएनएल के पास ही तेज गति वाले इंटरनेट के लिए ब्राडबैंड और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क है। कनेक्शन के लिए उपभोक्ता लगातार आवेदन कर रहे हैं, जांच करने के बाद कह दिया कई तरह के बहाने जैसे आपके क्षेत्र में केबिल खराब है। नई आबादी वाले क्षेत्रों में भूमिगत केबिल व ओएफसी केबल नहीं डाला गए हैं। सीवर लाइन की खोदाई के दौरान ओएफसी कट जाने, दूसरे स्थान से केबल मंगाकर जोड़ा जा रहा है आदि-आदि। मजाल क्या कि आपको नया कनेक्शन मिल जाए, मिल गया तो अहोभाग्य।