Moradabad Top News: एक क्लिक पर पढ़िए मुरादाबाद मंडल की वो खबरें, जो दिन भर रही सुर्खियों में
Moradabad Top News थके-थके लग रहे आजम ने घर के बाहर जमा सैकड़ों समर्थकों की भीड़ देखी तो रुके। हाथ हिलाकर पहले अभिवादन स्वीकार किया और फिर संबोधित किया। कहा सुप्रीम कोर्ट से हमें इंसाफ मिला है। हमारे हक में कोर्ट ने ऐसा फैसला दिया है जो मिसाल है।
जेल से छूटकर रामपुर पहुंचे विधायक आजम खां बोले, जालिमों ने उजाड़ दिया हमारा चमन, सुप्रीम कोर्ट ने किया इंसाफ: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक मोहम्मद आजम खां शुक्रवार को सवा दो साल बाद जेल से रिहा होकर अपने घर पहुंचे। थके-थके लग रहे आजम ने घर के बाहर जमा सैकड़ों समर्थकों की भीड़ देखी तो रुके। हाथ हिलाकर पहले अभिवादन स्वीकार किया और फिर संबोधित किया। कहा, सुप्रीम कोर्ट से हमें इंसाफ मिला है। हमारे हक में कोर्ट ने ऐसा फैसला दिया है, जो मिसाल है। हम शुक्रगुजार हैं। आजम के आने पर सपा, मुलायम या अखिलेश के लिए कोई नारा नहीं लगा। सिर्फ आजम जिंदाबाद और सुप्रीम कोर्ट का आभार जताते हुए शोर सुुनाई दिया। आजम खान के आने की सूचना पर समर्थक दोपहर से ही घर के आसपास एकत्रित होने लगे थे। आखिर 3.30 बजे आजम पहुंचे। उन्होंने मीडिया से बात तो नहीं की लेकिन समर्थकों से कहा, जालिमों ने हमारे चमन को उजाड़ दिया है, लेकिन इसमें फिर बहार आएगी, भले ही हम हों या न हों। बोले, जुल्म खत्म होता है तो जालिम भी खत्म हो जाता है।
आजम खां सवा दो साल बाद पहुंचे रामपुर, बेटे अब्दुल्ला ने कहा- खुदा का शुक्र है कि वो घर आ गए: आखिर सवा दो साल बाद विधायक मुहम्मद आजम खां शुक्रवार दोपहर 3.30 बजे जेल से छूटने के बाद अपने रामपुर अपने घर पहुंचे। यहां भारी संख्या में समर्थक उनके स्वागत को मौजूद रहे। इससे पहले रामपुर की सीमा पर पुलिस ने आजम के समर्थकों को रोक लिया। पुलिस सीमित संख्या में ही समर्थकों को आगे जाने दे रही थी। इसको लेकर पुलिस से समर्थकों की नोकझोंक भी हुई। आजम के आने पर बेटे अब्दुल्ला ने कहा कि खुदा का शुक्र है कि वो घर आ गए। सपा नेता आजम खां सीतापुर जेल से रिहा होकर अपने घर रामपुर पहुंच गए। 27 महीने जेल में रहने के बाद रामपुर अपने घर पहुंचने पर आजम के समर्थकों की भीड़ जुटी रही। रामपुर शहर की शुरुआत से आजम खां के घर तक जगह-जगह समर्थक उनके स्वागत के लिए खड़े रहे। आजम खां की गाड़ी निकलते ही समर्थकों ने हाथ हिलाकर अभिवादन किया। जिसके जवाब में आजम ने भी गाड़ी से ही हाथ हिलाया।
मुरादाबाद से सपा सांसद एसटी हसन ने ज्ञानवापी मामले पर की टिप्पणी, बोले- कोर्ट तय करेगा फव्वारा है या शिवलिंग: Gyanvapi Case : मुरादाबाद के सपा सांसद डा. एसटी हसन ने कहा कि देश को तोड़ने की साजिश हो रही है। फव्वारों में किसी को शिवलिंग नजर आ रहा है तो यह कोर्ट तय कर देगा सच्चाई क्या है। कोर्ट गलत फैसला देगा तो भी माना जाएगा और सही फैसला देगा तो भी मानना है। उन्होंने गुरुवार को मीडिया से बात की। कहा कि मीडिया की भी कुछ जिम्मेदारी हैं। मीडिया आग में घी डालने का काम कर रहा हैं। सांसद ने कहा कि देश को अस्थिर करने का काम किया जा रहा हैं। कभी हिजाब आ जाता हैं, कभी हलाल तो कभी ज्ञानवापी की बात करके माहौल को खराब करने की कोशिश की जाती है।
अमरोहा के गजरौला में फांसी के फंदे पर लटके मिले प्रेमी-प्रेमिका के शव, हत्या है या आत्महत्या पुलिस जांच में जुटी: Dead Body of Love Couple found Hanging : गजरौला थाना क्षेत्र के गांव सुल्तानठेर में दिन निकलते ही एक सनसनीखेज वारदात हो गई। यहां पर एक प्रेमी प्रेमिका ने एक साथ पेड़ पर अलग-अलग फांसी के फंदे पर झूल कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। दोनों के शवों को पेड़ से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल की जा रही है। गांव निवासी विशंभर सिंह का 30 वर्षीय पुत्र जीतपाल का गांव की रहने वाली भागवत सिंह की 21 वर्षीय बेटी चंद्रा से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इस बीच 22 अप्रैल को जीतपाल की शादी हापुड़ जनपद के थाना गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के गांव नयागांव निवासी कुसुम से हो गई। शादी होने के बाद भी जीतपाल लगातार अपनी प्रेमिका के संपर्क में रहा। इस क्रम में गुरुवार की रात जीतपाल बाइक से अपनी प्रेमिका चंद्रा के घर गया और वहां से उसे लेकर कर अपने खेत पर पहुंच गया।
यूपी का अनोखा गांव जहां मस्जिद से होता है रोजगार का एलान, महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर: UP Unique Village : उत्तर प्रदेश में एक ऐसा गांव है जहां लोगों को मस्जिद एलान करके रोजगार दिया जाता है। चौंक गए न कि आखिर ऐसा कैसे होता है। लेकिन यह सही है और ऐसा होता है जनपद अमरोहा के गांव मोहरका में। यहां बिना किसी समूह के एकजुटता के साथ काम होता है। प्रशिक्षण के बिना ही पीढ़ी दर पीढ़ी हुनर बढ़ रहा है। घर-घर नारी सशक्तीकरण का नारा बुलंद हो रहा है। इस गांव में बिना सरकारी मदद के यहां की महिलाओं ने अपराध के लिए बदनाम गांव को अपने हुनर के दम पर नई पहचान दिलाई है। गांव में प्रवेश करते ही हर आंगन व चबूतरे पर महिलाएं साड़ी पर लगने वाली मोती की लेेस बनाती दिखती हैं। मस्जिद में दिल्ली के कारोबारी आते हैं, वहीं से महिलाओं को आर्डर दिए जाते हैं। 10 साल पहले तीन-चार घरों में काम शुरू हुआ था, अब करीब पांच सौ से अधिक घरों में काम किया जा रहा है।