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Moradabad Thakurdwara Double Murder Case : संदेह पैदा कर रही पुलिस की रहस्यमयी खामोशी, वारदात में सामने आई पुलिस की लापरवाही

ठाकुरद्वारा पुलिस तीन संदिग्धों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने पर आमादा हो गई। पुलिस ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया। पुलिस के प्रार्थना पत्र को कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया। अर्जी खारिज होने के बाद ही पुलिस नए सिरे से कातिल की तलाश में जुटी।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 11:02 AM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 11:02 AM (IST)
Moradabad Thakurdwara Double Murder Case : संदेह पैदा कर रही पुलिस की रहस्यमयी खामोशी, वारदात में सामने आई पुलिस की लापरवाही
पुलिस छिपाकर रखी नकदी व जेवरात तक पहुंच गई थी।

मुरादाबाद, जेएनएन। डबल मर्डर का पर्दाफाश ठाकुरद्वारा पुलिस की कार्यप्रणाली पर न सिर्फ संदेह खड़ा करता है, बल्कि उसके ही दावे पर सवाल भी उठाता है। कातिल तक पहुंचने में पुलिस ने घोर लापरवाही की। इसका सीधा लाभ उन लोगों को म‍िलेगा, जिनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होगी। ठाकुरद्वारा पुलिस ने जिस पत्र को आधार बनाकर दोहरे हत्याकांड का राजफाश किया, वह सात माह बाद पुलिस के हाथ कैसे लगा, जबकि घटनास्थल के निरीक्षण में पहले ही दिन पुलिस घर में छिपाकर रखी नकदी व जेवरात तक पहुंच गई थी। 

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दरअसल प्रशांत वर्मा का पत्र पुलिस के हाथ लगना कई सवाल खड़ा करता है। इससे स्पष्ट है कि पुलिस ने घटनास्थल के निरीक्षण में लापरवाही बरती थी। यदि यह पत्र तभी पुलिस के हाथ लग गया? होता तो कत्ल की कड़ियों को जोड़ने में इतना वक्त नहीं लगता। वारदात के तत्काल बाद से ही सुनील वर्मा पुलिस के संदेह के घेरे में था। क्योंकि सुनील ही वह व्यक्ति था जो कानूनी तौर पर मृत दंपती की करोड़ों की संपत्ति का वारिस होता। दंपती की एक साथ हत्या ने पुलिस के इस संदेह को बल भी दिया। सवाल उठा कि दंपती का कत्ल सुनील ने खुद किया या भाड़े के अपराधियों से कराई। अधेड़ सुनील खुद को बीमार बताकर पुलिस के सवालों से बचता रहा। पुलिस ने भी उससे सख्ती से पूछताछ नहीं की। तब पुलिस का मानना था कि घनी रिहायश के बीच दो लोगों को मौत के घाट उतारे जाने की घटना कोई एक व्यक्ति अंजाम नहीं दे सकता। यही वजह भी रही कि कातिल तक पहुंचने में पुलिस ने देर होने की आशंका जताई। इसके इतर बुधवार को ठाकुरद्वारा पुलिस ने सुनील वर्मा को ही दंपती का कातिल बताया। जिस अधेड़ पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करने से पुलिस सात माह तक कतराती रही, वह अचानक ताकतवर कैसे बन गया। दो लोगों की हत्या को सुनील ने एक झटके में कैसे अंजाम दे दिया। इन सवालों का जवाब ठाकुरद्वारा पुलिस को कोर्ट में देना ही होगा।  


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