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संभल में बेटा हारा, सास-बहू की जीत, असमोली विधायक की मां नहीं बचा पाई अपनी सीट

संभल में प्रथम नागरिक की कुर्सी की दौड़ के लिए सेमीफाइनल कहे जाने वाले जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में कहीं दिग्गजों के गढ़ को बचाने के लिए माननीय की प्रतिष्ठा धूमिल हो गई तो कहीं कड़ी चुनौती के बीच कुछ दिग्गज अपनी साख बचाने में कामयाब हुए।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 09:30 PM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 09:30 PM (IST)
संभल में बेटा हारा, सास-बहू की जीत, असमोली विधायक की मां नहीं बचा पाई अपनी सीट
संभल में बेटा हारा, सास-बहू की जीत, असमोली विधायक की मां नहीं बचा पाई अपनी सीट

मुरादाबाद, जेएनएन। संभल में प्रथम नागरिक की कुर्सी की दौड़ के लिए सेमीफाइनल कहे जाने वाले जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में कहीं दिग्गजों के गढ़ को बचाने के लिए माननीय की प्रतिष्ठा धूमिल हो गई तो कहीं कड़ी चुनौती के बीच कुछ दिग्गज अपनी साख बचाने में कामयाब हुए। समाजवादी बेशक जिला पंचायत सदस्य को लेकर अग्रणी रही हो लेकिन उनके दो दिग्गज धराशाई हो गए।

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गुन्नौर के पूर्व विधायक रामखिलाड़ी सिंह यादव की पत्नी और पुत्र वधू बेशक निर्वाचित होने में कामयाब रही लेकिन उनके बेटे को उनकी ही पार्टी के एक मामूली कार्यकर्ता ने करारी शिकस्त दी है। इसके अलावा असमोली के विधायक पिंकी यादव की भी प्रतिष्ठा धूमिल हो गई है और उनकी मां कुसुमलता यादव अपने ही घर में भाजपा के एक ऐसे प्रत्याशी के चुनाव हार गई जो मूल रूप से जिले का भी निवासी नहीं है।

इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित है। इसके लिए जिन स्थानों पर इस आरक्षित श्रेणी की महिलाएं चुनाव मैदान में थी, उनकी जीत निश्चित कर बड़े-बड़े दिग्गज फाइनल मुकाबले की तैयारी कर रहे थे लेकिन कई स्थानों पर सपा और भाजपा के दिग्गजों के सपने चकनाचूर हुए हैं। अगर बात करें जिले में असमोली विधानसभा के सपा विधायक पिंकी यादव की तो उनकी मां वार्ड संख्या 24 पाठकपुर से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही थी और वह जिला पंचायत अध्यक्ष की प्रबल दावेदार थी।

वह पूर्व में मुरादाबाद की जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी थी और समाजवादी की ओर से समर्थित प्रत्याशी घोषित थी, जिनके सामने स्थानीय किसी स्थानीय दिग्गज ने भाजपा बसपा या अन्य किसी दल से टिकट भी नहीं मांगा था लेकिन नोएडा से आकर उनके ही क्षेत्र के कुंवरपुर गांव में रहने वाले अशोक यादव ने भाजपा से टिकट की मांग की और उन्हें टिकट मिला। मुकाबला इतना रोचक हो गया कि मतगणना के शुरुआती दौर में कुसुमलता लगातार आगे रही लेकिन अंत में अशोक यादव ने 710 मतों के अंतर से उन्हें करारी शिकस्त देकर उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया।

असमोली विधायक की मां का चुनाव हार जाना एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इस सीट पर भाजपा नेता अवधेश यादव का दखल सपा पर भारी पड़ गया है। इसके अलावा गुन्नौर विधानसभा में पूर्व विधायक राम खिलाड़ी सिंह यादव के परिवार से तीन लोग चुनाव मैदान में थे। वार्ड संख्या 15 केसरपुर से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रीति यादव ने जीत हासिल कर ली है तो उनकी सास पानवती देवी ने वार्ड संख्या 16 सिहावली से जीत दर्ज की है। वहीं, प्रीति यादव के पति अखिलेश यादव उर्फ लखविंदर वार्ड संख्या 22 कद्राबाद से चुनाव हार गए हैं।

जिन्हें सपा के ही कार्यकर्ता विजय यादव ने 700 मतों शिकस्त दी है। वहीं, रजपुरा के वार्ड संख्या 17 से भाजपा प्रत्याशी रजपुरा के ब्लाक प्रमुख भूपेंद्र उर्फ काली की पत्नी सत्यवती यादव भी चुनाव हार गई हैं। इसके अलावा वार्ड संख्या 18 रसूलपुर से भाजपा की अर्चना यादव यूपी गुन्नौर की ब्लाक प्रमुख थी चुनाव जीत गई है। जिन्होंने सपा की दीप्ति यादव को पराजित किया है। अर्चना यादव को अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदार बताया जा रहा है।


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