Moradabad Rural Area Health Services : साढ़े तीन लाख की आबादी पर दो लैब तकनीशियन, जांच भी हो रही कम
जिले से महज 30 किलोमीटर के फासले पर कांठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा हुआ है। दो लैब तकनीशियन के सहारे 3 लाख 44 हजार की आबादी है। प्रतिदिन 250 लोगों की जांच करने का दावा किया जा रहा है।
मुरादाबाद, जेएनएन। जिले से महज 30 किलोमीटर के फासले पर कांठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा हुआ है। दो लैब तकनीशियन के सहारे 3 लाख 44 हजार की आबादी है। प्रतिदिन 250 लोगों की जांच करने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, गांवों में जांच कम हो रही है। पुरुष अस्पताल में सात एमबीबीएस डॉक्टर तो हैं लेकिन, महिला अस्पताल में ताला लगा है। वहां की ओपीडी बंद है। मरीज आने के बाद उन्हें सीधे रेफर कर दिया जाता है। हालात ये हैं कि केंद्र में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। लैब तकनीशियन आने के बाद पीपीई किट और ग्लब्ज आदि सामान का पैकेट बनाकर कहीं भी डाल देते हैं। पूछने पर बताया गया कि यहां कोई सफाई कर्मचारी नहीं है।
यहां स्टाफ का टोटा
कांठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 34 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं। इसमें दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर नहीं हैं। छह उप स्वास्थ्य केंद्रों पर एएनएम नहीं हैं।
यहां लोगों को ज्यादा परेशानी
34 उप स्वास्थ्य केंद्रों में सलावा साहू पुर, रवाना सदरपुर, नसीरपुर, उमरी कलां में एएनएम, स्टाफ नर्स की तैनाती नहीं हैं। मरीजों को दवा लेने के लिए कांठ आना पड़ता है।
झोलाछाप की चलवा रहे दुकान
सरकारी अस्पताल से मना होने के बाद मरीज की मजबूरी है कि वो सस्ते के चक्कर में झोलाछाप का सहारा लेता है। झोलाछाप बुखार के मरीजों को भी भर्ती कर रहे हैं। इन पर कार्रवाई पूरी तरह शून्य है।
ये बोले लोग
दवा लेने के लिए सरकारी अस्पताल गए थे लेकिन, चिकित्सक के नहीं मिलने पर निजी अस्पताल में दिखाना पड़ा। कई बार ऐसे ही हालात देखने को मिलते हैं।
संतराम सिंह, गांव निवासी
व्यवस्थाएं कम होने की वजह से दुश्वारी का सामना करना पड़ रहा है। गांवों में आशा कार्यकर्ताओं की टीमें सर्वे कर रहीं हैं। जहां कोरोना लक्षण वाले मरीज होते हैं वहां टीम भेज दी जाती है।
डॉ. योगेंद्र सिंह लांबे, चिकित्सा अधीक्षक, सीएचसी