Moradabad Police : रिश्वत लेते कई बार पकड़े गए पुलिस कर्मी, सख्ती के बाद भी नहीं हो रहा सुधार
बीते एक साल में भ्रष्टाचार की धार को कुंद करने के लिए एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने अभियान छेड़ रखा है। अब तक सौ से अधिक पुलिस कर्मियों और अफसरों पर वह कार्रवाई कर चुके हैं। इसमें वह फाइलें भी शामिल थीं जो सालों से लंबित पड़ी थी।
मुरादाबाद [रितेश द्विवेदी]। पीड़ित उम्मीद के साथ थाने की चौखट पर कदम रखता है, लेकिन जब उसकी उम्मीद को कानून के रखवाले चोट पहुंचाते हैं, तो वह पूरी तरह टूट जाता है। थाने में न्याय न मिलने पर फरियादी फिर उम्मीद बांधकर अफसरों की चौखट में कदम रखता है। अपने हाल ए दिल बयां करके उसे लगता हैं कि शायद उसे इंसाफ मिल जाएगा। कार्रवाई भी होती है, पर फिर महकमे में कार्यरत रिश्वत के लालची सुधरने के लिए तैयार नहीं हैं।
बीते एक साल में भ्रष्टाचार की धार को कुंद करने के लिए एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने अभियान छेड़ रखा है। अब तक सौ से अधिक पुलिस कर्मियों और अफसरों पर वह कार्रवाई कर चुके हैं। इसमें वह फाइलें भी शामिल थीं जो सालों से लंबित पड़ी थी। भ्रष्टाचार को लेकर सख्त रुख अपनाने के बाद भी कुछ पुलिस कर्मियों में सुधार नहीं हो रहा है। कार्रवाई दर कार्रवाई के बावजूद उनकी रिश्वतखोरी की लत छूटने का नाम नहीं ले रही है। बीते एक सप्ताह में दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें पुलिस कर्मियों पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाए गए हैं। पहला मामला भगतपुर थाने के एक दारोगा का आया है। आरोप लगे हैं, कि एक युवक के द्वारा 80 हजार रुपये न देने पर उसे जबरन अवैध कट्टा रखने के मामले में जेल भेज दिया गया। वहीं, दूसरा मामला मंगलवार को नागफनी थाना क्षेत्र का आया, इसमें अपनी बेटी को खोज रहे एक पिता से 20 हजार रुपये देने की मांग की गई। बीते चार साल की बात करें तो कई ऐसे मौके सामने आए हैं, जब पुलिस कर्मी रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़े गए हैं। इन पर मुकदमा दर्ज करने के साथ ही जेल भेजने की कार्रवाई की गई है। इन घटनाओं से सबक लेने की जगह पुलिस कर्मी नए-नए तरीकों से रिश्वत लेने का रास्ता खोज लेते हैं। बीते दिनों भ्रष्टाचार संलिप्त रहने के कारण के जांच के बाद 14 से अधिक पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था। इससे पहले भी बड़ी कार्रवाई हुई है। लेकिन सुधार नहीं हो रहा है।
रिश्वत के मामले में पकड़े गए पुलिस कर्मी
केस-1
कटघर थाना क्षेत्र के गुलाबबाड़ी चौकी इंचार्ज को 10 जून 2017 को दस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन ने पकड़ा था। गिरफ्तारी के बाद इन्हें निलंबित किया गया था।
केस-02
मुगलपुरा थाना क्षेत्र के बरवालान चौकी प्रभारी को सात सितंबर 2017 को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन ने गिरफ्तार किया था। मुकदमा दर्ज करने के बाद चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया था।
केस-03
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के आशियाना चौकी प्रभारी को 18 अक्टूबर 2020 को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पुलिस ने पकड़ा था। तत्कालीन एसएसपी के निर्देश पर चौकी इंचार्ज को गिरफ्तार करने के साथ ही मुकदमा दर्ज किया गया था।
केस-04
पाकबड़ा के ग्रोथ चौकी इंचार्ज को 11 दिसंबर 2017 को 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था। जांच के बाद निलंबित करने की कार्रवाई की गई थी।
केस-05
मझोला थाना क्षेत्र के नया मुरादाबाद चौकी प्रभारी को 25 अक्टूबर 2019 को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। जांच के बाद निलंबन की कार्रवाई हुई थी।
पुलिस की छवि बेहतर करने के लिए दागदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। जो भी शिकायतें आती हैं, उनकी पहले जांच कराई जाती है, जांच में जो भी दोषी होता है, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद निलंबन की कार्रवाई की जाती है। कर्मियों को समय-समय में इस संबंध में दिशानिर्देश भी दिए जाते हैं।
प्रभाकर चौधरी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक