एक साल में मुकदमों पर खर्च कर दिए 24 लाख फिर भी हार रहे मुरादाबाद नगर निगम के पैरोकार
Moradabad Municipal Corporation News नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में टैक्स सड़कों के गड्ढे नगर निगम की सम्पत्ति का रखरखाव कार्यकारिणी सदस्यों के अपने मुद्दे निगम की जमीन के मुकदमों का खर्च रामगंगा नदी के डूब क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने का मामला छाया रहा।
मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Municipal Corporation News : नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में टैक्स, सड़कों के गड्ढे, नगर निगम की सम्पत्ति का रखरखाव, कार्यकारिणी सदस्यों के अपने मुद्दे, निगम की जमीन के मुकदमों का खर्च, रामगंगा नदी के डूब क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने का मामला छाया रहा। कार्यकारिणी की बैठक होते ही टैक्स पर कर अधरीक्षकों की महापौर विनोद अग्रवाल ने क्लास ली। कर अधीक्षक व उनके अंतर्गत आने वाले राजस्व निरीक्षकों ने लक्ष्य के सापेक्ष कितनी वसूली की।
वर्ष 2021-22 में 41 करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष अगस्त तक 30 फीसद वसूली होनी थी। लेकिन अभी तक ओवर आल 15 फीसद वसूली होने पर कड़ी नाराजगी जताई गई। इस पर नगर आयुक्त संजय चौहान ने कोरोना के कारण मानवीय दृष्टिकोण का हवाला दिया और कहा कि कहा कि कोरोना में बाजार बंद था, आम आदमी का रोजगार छूटा हुआ था और कोरोना के केस बड़ी तादाद में निकलने, कर अधीक्षकों व राजस्व निरीक्षकों के पद रिक्त होने से वसूली कम होने की बात रखी। टैक्स का मामला यहीं नहीं थमा। सवाल उठा कि एक कर अधीक्षक के क्षेत्र में दस करोड़ का लक्ष्य है, यह कैसे पूरा होगा।
इस पर नगर आयुक्त संजय चौहान ने कहा कि अप्रैल से जुलाई तक पांच फीसद वसूली नियमानुसार होनी चाहिए और जुलाई से दस फीसद। जनवरी से वसूली तेजी से बढ़ती है, क्योंकि सरकारी भवनों का टैक्स तभी मिलता है। इसके बाद खाेखों व पक्की दुकानों से किराया पर वसूली पूछी। इसमें 12 लाख 74 हजार सालाना किराए के सापेक्ष चार लाख 51 हजार रुपये वसूले गए हैं। बैठक में मुकदमों का खर्चों के सापेक्ष कितने केस जीते और हारे के सवालों पर अफसर घिर गए।
एक साल में मुकदमों पर 24 लाख 36 रुपये खर्च हो गए। किस-किस मुकदमें में कितना पैसा खर्च हुआ, इतनी मोटी रकम पैरवी पर खर्च करके जीते कितने मुकदमे, इस पर स्पष्ट जवाब नहीं मिला। इस पर मुकदमे हारने की बात को कब्जा की गई जमीनों को मुक्त करने में मिली सफलता के आंकड़े गिनाकर थोड़ी इज्जत बचाई। जमीनों की पैरवी के लिए तीन पैरोकार लगाए हुए हैं।
सरकारी विभागों पर 13 करोड़ बकाया वसूलने पर जोरः सरकारी विभागों पर टैक्स के मामले में कोई नरमी नहीं बरतने पर कार्यकारिणी की बैठक में जोर दिया गया। शहर के सभी सरकारी भवनों पर 13 करोड़ रुपये का बकाया है। महापौर ने कहा कि जब बिजली विभाग निगम की बिजली काट सकता है तो हम टैक्स क्यों नहीं वसूल सकते। टैक्स न मिले तो पानी रोक दीजिए। सरकारी भवनों से पैसा लाइए। पुलिस, शिक्षण संस्थान, अफसरों के सरकारी भवनों समेत हर विभाग से टैक्स वसूलने को लेकर महपौर विनोद अग्रवाल ने निर्देश दिए। इस पर नगर अयुक्त संजय चौहान ने कहा कि टैक्स विभाग को इसको लेकर निरंतर आगाह किया जा रहा है।
स्मार्ट सिटी में हटेंगे खोखेः स्मार्ट सिटी में रास्ता चौड़ा करने को लेकर खोखे हटाए जाएंगे। टाउन हाल के आसपास, जेल रोड, कांठ रोड पर गांधी आश्रम के सामने समेत कई जगह खोखे हैं। जिन्हें हटाकर दूसरी जगह विस्थापित किया जाएगा। इसके अलावा नगर निगम की मैनाठेर समेत चार स्थानों पर जमीनोंं को चि्ह्नित करके वहां सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की मशीनें लगेंगी।
कार्यकारिणी उठे मुद्दे
-कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राजीव गुप्ता ने प्रकाश नगर चौराहे के नाम महाराजा शूरसैन के नाम से रखने का प्रस्ताव रखा।
-जीआइसी चौक का नाम स्वतंत्रता सेनानी सूफी अम्बा प्रसाद द्वार के नाम से रखने का प्रस्ताव।
-भाजपा पार्षद दल के नेता संजय सक्सेना ने अधूरे अटल पथ के कार्यों को पूरा करने का प्रस्ताव।
-पार्षद रुचि चौधरी ने पार्षदों के नाम से खराब बोर्ड हटाकर दूसरे लगाने का प्रस्ताव रखा।
-कांशीराम नगर में रामलीला आयोजन के सरकारी जमीन का प्रस्ताव।
शहर को गारबेज सिटी न बनाएः भाजपा पार्षद दल के नेता संजय चौहान ने सफाई व्यवस्था पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कूड़ेदान हटाकर लोहे के हैंगिंग कूड़ेदान लगाए, वह गायब हो गए। फिर प्लास्टिक के लगवाए वह भी गायब हो रहे हैं और न डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन सौ फीसद हो रहा है। हाइड्रोलिक कूड़ेदान भी फेल हो गए। हम गारबेज फ्री नहीं गारबेज फिल सिटी बना रहे हैं। इस नगर आयुक्त ने सफाई व्यवस्था को ठीक करने का आश्वासन दिया।
महापौर विनोद अग्रवाल ने बताया कि नगर निगम बिना राजस्व के नहीं चल सकता। पहले ही राज्य वित्त आयोग की निधि हर बार तीन करोड़ कम मिल रही है, तो ऐसे में हम वसूली भी न बढ़ाएं तो शहर का विकास प्रभावित होगा। इसको लेकर टैक्स पर विशेष रूप अबकी बार हिसाब मांगा गया है। कार्यप्रणाली में सुधार नहीं आने पर अगली बार कार्रवाई होगी।