Moradabad Liquor Smuggling Case : शहर की आदर्श कालोनी भी कच्ची शराब बचाने के लिए है बदनाम, एसएसपी ने चलाई थी मुहिम
डिलारी के राजपुर केसरिया तो खादर का गांव है। लेकिन सिविल लाइंस इलाके में बसी आदर्श कालोनी भी कच्ची शराब बचाने के लिए बदनाम है। एसएसपी अमित पाठक अपने कार्यकाल के दौरान यहां के लोगों को कच्ची शराब से छुटकारा दिलाने के लिए मुहिम चलाई थी।
मुरादाबाद, जेएनएन। डिलारी के राजपुर केसरिया तो खादर का गांव है। लेकिन, सिविल लाइंस इलाके में बसी आदर्श कालोनी भी कच्ची शराब बचाने के लिए बदनाम है। एसएसपी अमित पाठक अपने कार्यकाल के दौरान यहां के लोगों को कच्ची शराब से छुटकारा दिलाने के लिए मुहिम चलाई थी। यहां बरेली में तैनात एक सिपाही की पत्नी भी अभियान के दौरान कच्ची शराब बेचते हुए पकड़ी गई थी इस मुहिम की पूरे प्रदेश में गूंज थी। शहर के लोगों के अलावा सरकार ने भी इस कदम को सराहा था। उन्होंने इसके लिए कालोनी के कुछ लोगों को कैंप लगवाकर नौकरी भी दिलाने का काम किया। लेकिन, कुछ लोग फिर भी नहीं माने। जो जिस लायक था, उसके हिसाब काम दिलाया गया। लेकिन, चंद लोग ही अब नौकरी कर रहे हैं। बाकी सब अपने पुराने ढर्रे पर वापस लौट आए। इसके पीछे कच्ची शराब से होने वाली आमदनी रही।
शहर के सिविल लाइन क्षेत्र स्थित आदर्श कालोनी में कई दशकों से लोग अवैध शराब का धंधा करते थे, हफ्ते में कई कई बार पुलिस और आबकारी यहां छापेमारी करती थी। लेकिन अगले दिन भट्टियां तैयार हो जातीं थी। एसएसपी अमित पाठक ने इसकी जड़ को समझा तब उन्होंने इसके निदान का बीड़ा उठाया। उन्होंने सख्ती के साथ लोगों को समझाकर भी शराब के धंधे से अलग करने का काम किया। पहले चरण में सर्वे कराकर रोजगार मेला लगवाकर 62 लोगों को नौकरी दिलाने का काम किया। लेकिन, बाद में आधे लोग फिर लोग पुराने ही ढर्रे पर आ गए। हालांकि, अब पहले से बहुत अच्छी हालत है। वर्ना तो आदर्श कालोनी में रहने वाले लोग भी शराब के धंधे से परेशान थे।