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Moradabad Liquor Smuggling Case : शराब तस्‍करी मामले में कार्रवाई, चौकी प्रभारी और स‍िपाही को क‍िया न‍िलंब‍ित

चार लोगों की मौत और अवैध शराब का जखीरा पकड़े जाने के बाद एसएसपी पवन कुमार ने डिलारी थाना क्षेत्र की जलालपुर चौकी प्रभारी उम्मेद पोसवाल के साथ बीट प्रभारी आरक्षी मोहित नागर को निलंबित कर दिया है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 08:04 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 08:04 AM (IST)
Moradabad Liquor Smuggling Case : शराब तस्‍करी मामले में कार्रवाई, चौकी प्रभारी और स‍िपाही को क‍िया न‍िलंब‍ित
दो किलो मीटर पर चौकी, छह किलो मीटर पर थाना फिर भी पुलिस बेखबर।

मुरादाबाद, जेएनएन। अवैध शराब तस्करी के मामले में आबकारी विभाग और पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। अगर पुलिस सतर्क होती तो इतने बड़े पैमाने में अवैध शराब गांव तक नहीं पहुंच पाती। चार लोगों की मौत और अवैध शराब का जखीरा पकड़े जाने के बाद एसएसपी पवन कुमार ने डिलारी थाना क्षेत्र की जलालपुर चौकी प्रभारी उम्मेद पोसवाल के साथ बीट प्रभारी आरक्षी मोहित नागर को निलंबित कर दिया है। जिस चौकी प्रभारी को निलंबित किया गया है, वह बीते तीन दिनों से छुट्टी पर हैं। कार्रवाई के नाम पर केवल दो लोगों पर कार्रवाई कर खानापूर्ति की गई है।

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चौकी से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित राजपुर केसरिया गांव में दूसरे राज्य से अवैध शराब को लाकर एकत्र किया जा रहा था, वहीं पुलिस को इस मामले की भनक तक नहीं लगी। थाने से गांव की दूरी दस किलोमीटर है, वहीं थाने का रास्ता भी गांव से होकर जाता है, इसके बाद भी पुलिस इस पूरे मामले से अनजान रहीं। अगर जहरीली गैस के चलते इन चार आरोपितों की मौत न हुई होती तो शायद पुलिस को इस पूरे खेल के बारे में जानकारी भी न मिल पाती। अवैध शराब पर शिकंजा कसने का दावा करने वाले आबकारी विभाग के अफसर भी मौन रखकर तमाशा देखते रहे। जिस समय तहखाने के तोड़कर शराब की पेटियों को बाहर निकाला जा रहा था, उस समय आबकारी विभाग के अफसर माथे का पसीना पोंछने में जुटे थे। पुलिस के अफसर इस मामले में इस बात का पता लगाने में जुट गए हैं कि आखिर किन तरीकों से शराब तस्करी करके गांव तक पहुंचाया जाता था। 11 माह में दो बार पकड़ा, एफआइआर में हुआ खेल : अवैध शराब तस्करी के मामले में पुलिस और आबकारी विभाग के अफसरों का बड़ा खेल नजर आ रहा है। अगर पुलिस तीन माह पहले ही सतर्क हो जाती तो शायद इस घटना का पर्दाफाश हो सकता था। लेकिन, अफसरों की लापरवाही और मिलीभगत का नतीजा है कि इस घटना के बाद अवैध शराब तस्करी का मामला पकड़ में आया है। आरोपित राजेंद्र कुमार सैनी के साथ ही उसके नौकर रमेश शर्मा को पुलिस ने पहली बार भगतपुर थाना क्षेत्र में 21 अप्रैल 2020 को पांच आरोपितों को अवैध शराब के साथ पकड़ा था। इन आरोपितों के पास से 87 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब को बरामद किया गया था। इन पांच आरोपितों राजेंद्र कुमार सैनी और उसका नौकर रमेश शर्मा पहली बार पकड़े गए थे। दोनों के साथ ही गजेंद्र, प्रदीप और संजीव कुमार उर्फ मोनू नाम के आरोपित को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने इन सभी आरोपितों पर मुकदमा दर्ज करने के साथ ही जेल भेजने की कार्रवाई की थी। वहीं ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र में 21 अप्रैल 2021 को पांच आरोपितों को अवैध शराब तस्करी में पकड़ा गया था। पुलिस ने इस मामले में 412 पेटी अवैध शराब को बरामद किया था। सूत्रों के मुताबिक ठाकुरद्वारा पुलिस की पूछताछ में संजीव उर्फ माेनू निवासी मेवला फार्म भगतपुर ने राजेन्द्र सैनी का नाम लिया था। दरअसल, इससे पहले भगतपुर थाने में दर्ज मुकदमे में राजेंद्र और रमेश का नाम था। दोबारा पकड़े जाने के बाद आरोपित ने शराब लाने के मामले में राजपुर केसरिया निवासी दोनों आरोपितों का नाम लिया था। लेकिन, दबाव के चलते पुलिस और आबकारी विभाग ने इन दोनों का नाम भी मुकदमे में दर्ज नहीं किया। अगर इस मामले में पुलिस पहले ही सक्रिय होती तो शायद अवैध शराब तस्करी का खेल पहले ही पकड़ा जाता।


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