Moradabad Health News : कोरोना महामारी में डॉक्टरों के साथ आईं कईं मुश्किलें, परिवार के लोगों ने दिया पूरा सहयोग
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के मेडिकल कालेज एंड रिसर्च सेंटर टीएमएमसी एंड आरसी की ओर से आयोजित मेडिकल एथिक्स पर चर्चा हुई। मेडिसिन के सीनियर प्रोफेसर डाॅ. जिगर हरिया ने कोरोना ड्यूटी के वक्त मरीजों के इलाज में आई तकलीफों पर चर्चा की।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के मेडिकल कालेज एंड रिसर्च सेंटर टीएमएमसी एंड आरसी की ओर से आयोजित मेडिकल एथिक्स पर चर्चा हुई। मेडिसिन के सीनियर प्रोफेसर डा. जिगर हरिया ने कोरोना ड्यूटी के वक्त मरीजों के इलाज में आई तकलीफों पर चर्चा करते हुए कहा कि फर्स्ट फेज़ में कोविड नई बीमारी थी। कौन-सी दवाई काम करेगी, कौन-सी नहीं करेगी, ऐसे सवालों को लेकर डाक्टर्स उलझन में थे।
डॉ. हरिया बोले कि धीरे-धीरे दवाइयां भी बदलती गईं। सरकार की तरफ से भी कई तरह की दवाइयां आईं। प्लाज़्मा के जरिए भी इलाज संभव हुआ। अंततः प्लाज़्मा से ट्रीटमेंट कारगर साबित नहीं हुआ। पीपीई किट पहनकर गर्मी में इलाज करने का डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ को ट्रीटमेंट का एकदम नया वातावरण मिला। गागल्स में जमी भांप के कारण देखने में परेशानी हुई। मास्क पहनकर संवाद में भी काफी दुश्वारी हुई। डा. हरिया ने बताया, ड्यूटी के दौरान घर से बाहर रहने पर डाक्टरों के स्वजनों ने अपने को जैसे -तैसे संभाला। मन में हमेशा डर रहता था कि अगर मुझे कोरोना हुआ तो आगे क्या होगा। टीएमएमसी एंड आरसी की प्राचार्या डॉ. श्यामोली दत्ता ने डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की निस्वार्थ भाव की सेवा के अलावा अगली मुश्किलों पर चर्चा की। मेडिकल कालेज के वाइस प्रिंसिपल डा. एसके जैन, डिप्टी उपाध्यक्ष डा. अजय पंत, डा. अजय सराफ, डा. रूपा राज भंडारी, डा. सुधीर गुप्ता, डा. उमर फ़ारूक़ मौजूदगी रही।