मुरादाबाद में करोड़ों का जीएसटी घोटाला, दिल्ली की टीम ने निर्यातक की फैक्ट्री और घर पर की छापेमारी
Moradabad Exports GST Scam DGCIS Raids फर्जी तरीके से ड्रा बैक लेने और जीएसटी में घाेटाला मिलने पर डायरेक्टर जनरल ऑफ कामर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टेटिस्टिक्स की टीम ने मुरादाबाद में छापेमारी की। टीम ने आरोपित की फैक्ट्री के अलावा उसके घर और अन्य दफ्तरों पर भी कार्रवाई की।
मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Exports GST Scam DGCIS Raids : फर्जी तरीके से ड्राबैक लेने और जीएसटी में घाेटाला मिलने पर डायरेक्टर जनरल ऑफ कामर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टेटिस्टिक्स की टीम ने मुरादाबाद में छापेमारी की। टीम ने स्पेशल इकनामिक जोन में आरोपित की फैक्ट्री के अलावा उसके घर और अन्य दफ्तरों पर भी कार्रवाई की। देर रात तक कार्रवाई चलती रही। घोटाला करोड़ों रुपये का बताया जा रहा है। हालांकि, इस प्रकरण को लेकर देर रात तक कोई अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं थे। हालांकि टीम ने आने से पहले ही एसईडी के सहायक उपायुक्त डॉ. वेद प्रकाश को छुट्टी से वापस बुला लिया।
मुरादाबाद के एक्सपोर्ट फर्म चलाने वाले गुलाम रसूल की स्पेशल इकनामिक जोन में फैक्ट्री है। इसके अलावा शहर के अन्य हिस्सों में भी छोटे-छोटे कारखानों में काम होता है। मंगलवार दोपहर में डायरेक्टर जनरल ऑफ कामर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टेटिस्टिक्स (डीजीसीआइएस) दिल्ली से टीम पहुंची। अगल-अलग टोलियों में बंटी टीम ने एसईजेड में फैक्ट्री के अलावा, डेहरिया मुहल्ले में उनके घर और अन्य रिश्तेदारों के साथ शहर में अन्य स्थानों पर खोल रखे दफ्तरों पर छापा मारा। वहां से सारे दस्तावेज खंगाले गए। मामला बड़ा होने के कारण देर रात तक रिकार्ड खंगाले गए। पिछले कई सालों में ड्राबैक के नाम पर सरकार से की गई वसूली के अलावा जीएसटी और आइजीएसटी चोरी भी शामिल है। निर्यातक का नाम केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से जारी रिस्की निर्यातकों की सूची में शामिल है। रिस्की सूची में शामिल निर्यातकों को सरकार ने अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने का समय दिया था। मुरादाबाद के जिन निर्यातकों के नाम इस सूची में शामिल थे, वे अपने दस्तावेज प्रस्तुत कर बाहर आ चुके है। सूत्रों के अनुसार कई बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद जवाब तक नहीं दिया तो पूरी कुंडली खंगाली जाने लगी। इसमें निर्यातक की ओर से की गई गड़बड़ियां परत दर परत खुलती चली गईं। इसके बाद टीम ने पूरी तैयारी कर निर्यातक के सभी ठिकानों पर छापेमारी की। देर रात तक टीम के रिकार्ड खंगालने के कारण पूरी जानकारी नहीं मिल सकी।
छह साल पहले भी पड़ा था छापा
निर्यातक गुलाम रसूल की फैक्ट्री, घर और कार्यालय पर छह साल पहले भी डीआरआइ की टीम छापामारी कर चुकी है। तब निर्यातक के यहां से विदेशी सिगरेट की तस्करी का मामला पकड़ में आया था। इस दौरान कई कंटेनर में विदेश से लाई गई सिगरेट मिली थीं। इन्हें हस्तशिल्प निर्यात का कच्चा माल दिखाकर आयात किया गया था। इस प्रकार से 50 करोड़ से अधिक की कर चोरी का मामला सामने आया था। कैसे करते हैं हेराफेरी निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय विभिन्न चयनित आइटम निर्माण कर उनका निर्यात करने के लिए मंगाए गए माल की ड्यूटी पर ड्रा बैक के माध्यम से धनराशि वापस करती है। इसके साथ ही निर्यातकों को निर्यात करने पर तय फीसद में प्रोत्साहन राशि मिलती है। इसी में हेराफेरी करने वाले कम ड्यूटी वाले सामान को अधिक ड्यूटी वाला दिखाकर मंगाते हैं। निर्यात करते समय स्थानीय माल से सामन तैयार उसे अधिक छूट वाला दर्शाकर सरकार से दोहरी धनराशि वसूलते हैं।
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