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Moradabad District Jail : जेल में बंद कुख्यात कैदी अब बाहर नहीं करा सकेंगे अपराध, जेल में इनसे मुलाकात के नियम सख्‍त

Moradabad District Jail कुख्यात कैदियों से मिलने वालों पर पुलिस की पैनी नजर रखेगी। वीडियो फुटेज व पहचान पत्र देने के बाद ही होगी मुलाकात।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 11:52 AM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 11:52 AM (IST)
Moradabad District Jail : जेल में बंद कुख्यात कैदी अब बाहर नहीं करा सकेंगे अपराध, जेल में इनसे मुलाकात के नियम सख्‍त
Moradabad District Jail : जेल में बंद कुख्यात कैदी अब बाहर नहीं करा सकेंगे अपराध, जेल में इनसे मुलाकात के नियम सख्‍त

मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad District Jail। मंडलीय कारागार में कैद कुख्यात कैदियों का आराधिक तिलिस्म तोड़ने की पुलिस तैयारी कर रही है। शातिर कैदियों की सूची तैयार कर उनकी कड़ी निगरानी की कार्ययोजना बनाई गई है। जेलर की आंख से पुलिस ने कुख्यात कैदियों की गतिविधि पर पर नजर रखने का खाका तैयार किया है।

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कारागार में बंद कुख्यात व शातिर बंदी अपराध की व्यूह रचना करते हैं। अंदर रहकर भी गुर्गों की मदद से वह बड़ी वारदातें अंजाम देने का ताना-बाना बुनते हैं। मुरादाबाद ही नहीं बल्कि पश्चिमी यूपी के कई जिलों की जेलें इसकी गवाह हैं। ऐसे बदमाशों पर पैनी नजर रखने का तानाबाना पुलिस ने बुना है। इसके तहत शातिर व कुख्यात कैदियों से मिलने वालों पर पुलिस नजर रखेगी। कैदियों से मुलाकात करने वालों को न सिर्फ अब अपना आधार कार्ड अथवा पहचान पत्र की फोटो कापी जेल में जमा करनी होगी, बल्कि वीडियो फुटेज बनाकर जेलर को देना होगा। जेल प्रशासन से वीडियो फुटेज व पहचान पत्र प्राप्त कर पुलिस ने मुलाकातियों का अतीत खंगालने की योजना बनाई है। यदि कोई मुलाकाती कानून की नजर में संदिग्ध निकला, तो उसे हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ करेगी।

फिल्मों की तर्ज पर कार्रवाई शिनाख्त

मुरादाबाद पुलिस ने फिल्मों की तर्ज पर जेल में कार्रवाई शिनाख्त भी शुरू कर दी है। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पीड़ित जेल में बदमाशों की पहचान कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले बिलारी पुलिस उस बस कंडक्टर को साथ लेकर कारागार पहुंची, जिससे तीन बदमाशों ने लूटपाट की थी। बस कंडक्टर ने जेल में तीनों बदमाशों की पहचान की।

क्या है कार्रवाई शिनाख्त

एसपी आरए विद्यासागर मिश्र ने बताया कि कार्रवाई शिनाख्त में पुलिस एक साथ कई बदमाश अथवा माल पीड़ित के सामने रखती है। पीड़ित पर जिम्मेदारी होती है कि वह मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में घटना में शामिल बदमाश अथवा अपने सामान की पहचान करे।

जेल में बैठकर आपराधिक नेटवर्क चलाने की घटनाएं पहले भी कई बार प्रकाश में आई हैं। मुरादाबाद में पुलिस पहले ऐसी कई घटनाओं का पर्दाफाश कर चुकी है, जिसमें जेल में बंद कैदी की संलिप्तता साबित हुई है। आपराधिक घटनाएं रोकने व शातिर बदमाशों पर पैनी नजर रखने के उद्देश्य से ही निगरानी की कार्ययोजना तैयार की गई है। जेल प्रशासन की मदद से निगरानी तंत्र सख्त किया जाएगा।

प्रभाकर चौधरी, एसएसपी मुरादाबाद


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