मुरादाबाद मंडल के तीन जिले डोर-टू-डोर सर्वे में फेल , दो जनपद बेहतर, अपर मुख्य सचिव नाराज
सर्किट हाउस में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य व अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक। मंडल के पांच जिलों में डीएमसीएमओ के साथ मंडलायुक्त औरआइजी रहे मौजूद।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते मुरादाबाद मंडल में लगातार मौत का आंकड़ा बढ़ने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए शासन के अफसरों को निगरानी में लगा दिया है। मौत का आंकड़ा 50 के पहुंचते बीते एक सप्ताह से लगभग हर दिन शासन से एक अधिकारी निरीक्षण के लिए मुरादाबाद आ रहा है। मंगलवार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के साथ ही अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन मुरादाबाद पहुंचे।
सुबह करीब पौने ग्यारह बजे सर्किट हाउस के हेलीपैड में चॉपर से आए दोनों उच्च अधिकारियों से मुरादाबाद के साथ ही बिजनौर,अमरोहा,रामपुर और सम्भल के जिलाधिकारी और सीएमओ के साथ बैठक की। इस दौरान करीब साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक में एक-एक बिंदु पर प्रशासनिक और स्वास्थ्य अधिकारियों से जानकारी मांगी गई। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने सम्भल,रामपुर और बिजनौर के जिलाधिकारियों से डोर-टू-डोर सर्वे और सर्विलांस टीम के कार्यों को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए सुधार के निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि इन तीन जनपदों में ट्रेसिंग का कार्य संतोषजनक नहीं है। तीनों जनपदों में सर्वे के साथ सर्विलांस सिस्टम को बढ़ाने के साथ मरीजों की पहचान करके उनका टेस्ट कराने की कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही अमरोहा और मुरादाबाद जिले में एंटीजन टेस्ट को लेकर संतोष व्यक्त किया। सभी जनपदों के जिलाधिकारियों से कहा गया कि टेस्ट को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। इसके साथ ही जनपदों में स्वच्छता के साथ ही शारीरिक दूरी का पालन सख्ती से कराया जाए। कोई भी नागरिक बिना मास्क के बाहर नहीं निकलना चाहिए। इसके लिए पुलिस और प्रशासन के अफसर मिलकर अभियान चलाएं। बैठक में मंडलायुक्त वीरेन्द्र कुमार सिंह,आइजी रमित शर्मा,जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह,एसएसपी प्रभाकर चौधरी,एमडीए सचिव प्रेरणा शर्मा,सीएमओ डॉ.एमसी गर्ग के साथ ही अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
30 बेड का सभी जनपदों में बनाएं कोविड एल-2 अस्पताल
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि मंडल के सभी जनपदों में तीस-तीस बेड का एल-2 अस्पताल बनाया जाए। एंटीजन टेस्ट के चलते मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है,ऐसे में सभी जनपदों में एक-एक अस्पताल का होना आवश्यक है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि इन अस्पतालों को अगले तीन दिनों में व्यवस्था को सुनिश्चत किया जाए। प्रशासन के स्तर से कोरोना मरीजों को इलाज में किसी भीा प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
नान कोविड अस्पतालों की करें निगरानी
जिले के नान कोविड अस्पतालों की निगरानी करने के लिए स्वास्थ्य विभागों के डॉक्टरों को जिम्मेदारी सौंपने के लिए कहा गया है। मंडलायुक्त वीरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि नान कोविड अस्पतालों में अगर किसी मरीज को दिक्कत होती है,तो उसे तत्काल कोविड अस्पताल में भर्ती कराने की जिम्मेदारी स्वस्थ्य विभाग के डॉक्टर कराएंगे।