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Moradabad coronavirus news : पोर्टेबल कलर एक्स-रे मशीन से पलक झपकते ही दिख जाएगा सीने का संक्रमण

मुरादाबाद के कोविड अस्पताल एल टू को पोर्टेबल कलर एक्सरे मशीन उपलब्ध कराई गई है। इस मशीन से कोरोना संक्रम‍ित रोग‍ियों के इलाज में काफी सुविधा म‍िलेगी। कुछ ही पल में संक्रमण की सटीक जानकारी म‍िलने पर च‍िक‍ित्‍सक तत्‍काल इलाज शुरू कर सकेंगे।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 08:55 AM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 08:55 AM (IST)
Moradabad coronavirus news : पोर्टेबल कलर एक्स-रे मशीन से पलक झपकते ही दिख जाएगा सीने का संक्रमण
कोविड अस्पताल एल टू को मिला पोर्टेबिल कलर एक्सरे मशीन।

मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमित रोगियों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों को आत्मनिर्भर बनाने जा रहा है। कोविड अस्पताल एल टू को पोर्टेबल कलर एक्सरे मशीन उपलब्ध कराई गई है। एक्सरे होते ही कंप्‍यूटर पर रोगी के सीने या सांस नली में संक्रमण की सही जानकारी मिल जाएगी। इससे चिकित्सक तत्काल इलाज शुरू कर रोगी की जान बचा लेेंगे।

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प्रदेश के जिस जिले में सरकारी मेडिकल कालेज नहीं हैं, उन सभी जिले में सरकार ने गंभीर कोरोना रोग‍ियों के इलाज की व्‍यवस्‍था वहां के प्राइवेट अस्पताल में करा रखी है। जिस पर सरकार को करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। कम गंभीर रोगी के इलाज के ल‍िए सभी जिला अस्पताल परिसर में एल टू अस्पताल बनाया गया है। यहां रोगियों के इलाज के ल‍िए वेंटीलेटर, सेंट्रल आक्सीजन सिस्टम व अन्य जीवन रक्षक उपकरण लगाए गए हैं। कोरोना संक्रमित रोगियों की मौत का बड़ा कारण सीने या सांस की नली में संक्रमण होना माना जा रहा है। इसका समय से पता लगाने के लिए सीटी स्कैन या कलर एक्सरे क‍िया जाता है। एल टू अस्पताल में दोनों की कोई व्यवस्था नहीं है। मुरादाबाद समेत प्रदेश के कुछ एल टू अस्पताल में साधारण पोर्टेबल एक्सरे मशीन लगाई गई है। इसके द्वारा रोगियों के सीने व सांस नली का एक्स-रे लिया जाता है और फिल्म की धुलाई करने में दो घंटे का समय लगता है। साधारण एक्स-रे होने के कारण कई बार संक्रमण की जानकारी नहीं मिल पाती है। प्रदेश सरकार ने स्थानीय एल टू अस्पताल को पोर्टेबल कलर एक्सरे मशीन उपलब्ध करा दी है। यह मशीन सोमवार से काम करना शुरू कर चुकी है। इस मशीन को रोगी के बेड तक आसानी से ले जाया जा सकता है। एक्सरे के बाद इसमें फिल्म नहीं निकलेगा। एक्सरे होते ही सीने व सांस नली के अंदर की वास्तविक स्थिति कम्प्यूटर पर आ जाएगा। इससे चिकित्सक को यह पता चल जाएगा कि रोगी के शरीर में कहां संक्रमण है। बिना समय गंवाएं ही चिकित्सक संक्रमण को खत्म करने का इलाज शुरू कर देंगे। इससे अधिक से अधिक कोरोना संक्रमित रोगी को बचाया जा सकता है। कलर एक्सरे की रिपोर्ट फोटो समेत रोगी के वाट्सएप पर उपलब्ध करा दी जाती है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एमसी गर्ग ने बताया कि कोरोना संक्रमित रोगियों की सीने या सांस नली में संक्रमण की जांच के लिए पोर्टेबल कलर एक्सरे मशीन पहुंच गई है। अब एल टू में भर्ती रोगी को सीटी स्कैन कराने के ल‍िए बाहर भेजने की आवश्यकता नहीं होगी।


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