सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी को अब नियंत्रण में ले सकेगी सरकार, भेजी जा चुकी रिपोर्ट
यूनिवर्सिटी की सारी जमीन ट्रस्ट के नाम है। नियमानुसार कोई भी संस्था 12.50 एकड़ से ज्यादा की जमीन अपने पास नहीं रख सकती। इससे ज्यादा लेने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होती है। समाजसेवा करने की स्थिति में सरकार अनुमति दे देती है।
मुरादाबाद, जेएनएन। सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी की 172. 99 एकड़ जमीन राज्य सरकार के खाते में दर्ज होने के बाद जिलाधिकारी ने शासन को रिपोर्ट भेज दी है। अब सरकार इसे अपने नियंत्रण में ले सकती है।
मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के आजम खां संस्थापक अध्यक्ष हैं। यूनिवर्सिटी का संचालन मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। यूनिवर्सिटी की सारी जमीन ट्रस्ट के नाम है। नियमानुसार कोई भी संस्था 12.50 एकड़ से ज्यादा की जमीन अपने पास नहीं रख सकती। इससे ज्यादा लेने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होती है। समाजसेवा करने की स्थिति में सरकार अनुमति दे देती है। जौहर यूनिवर्सिटी के मामले में सरकार ने 2005 में ट्रस्ट को 12.50 एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदने की अनुमति दी थी। क्योंकि तब ट्रस्ट ने कहा था कि उसके द्वारा चैरिटी का कार्य किया जाएगा और गरीब अल्पसंख्यक बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। इस मामले में भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक आकाश सक्सेना ने शासन से शिकायत की थी कि ट्रस्ट द्वारा शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया है। चैरिटी का कार्य नहीं किया जा रहा है। इसलिए यूनिवर्सिटी की 12.50 एकड़ से ज्यादा जमीन राज्य सरकार के खाते में दर्ज कराई जाए। जांच पड़ताल में आरोप सही पाए गए। इसके बाद अपर जिलाधिकारी प्रशासन जगदंबा प्रसाद गुप्ता की अदालत में मुकदमा दायर किया गया। गुप्ता ने तीन दिन पहले 12.50 एकड़ से ज्यादा जमीन राज्य सरकार के खाते में दर्ज करने के आदेश दे दिए। सोमवार को तहसीलदार सदर प्रमोद कुमार ने यूनिवर्सिटी की 172.99 एकड़ जमीन राज्य सरकार के खाते में दर्ज करा दी। अब यूनिवर्सिटी के पास मात्र 12.50 एकड़ जमीन ही बची है। मंगलवार शाम पूरे प्रकरण की रिपोर्ट जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह ने शासन को भेज दी। अब राज्य सरकार यूनिवर्सिटी को अपने नियंत्रण में ले सकती है। जिलाधिकारी पहले इसे नियंत्रण में लेने की रिपोर्ट दे चुके हैं।