किसानों से वार्ता के बाद रात 10 बजे खुला मूंढापांडे टोल प्लाजा, 100 किसानों को दिल्ली जाने की मिली छूट
सात ट्रैक्टर ट्रालियों को लेकर प्रशासन और पुलिस ने प्रदान की अनुमति। दोपहर तीन बजे से मूंढापांडे टोल प्लाजा पर जमें थे किसान। शासन ने किसानों के आंदोलन को देखते हुए विशेष रूप से पुलिस अकादमी के एडीजी राजीव कृष्ण को माेर्चा संभालने के लिए लगाया था।
मुरादाबाद, जेएनएन। कृषि कानून के विरोध में दिल्ली बार्डर पर किसान डटे रहे। किसानों के समर्थन में पीलीभीत, शाहजहांपुर के साथ ही आसपास के जनपदों के किसान मंगलवार को ट्रॉलियों से दिल्ली की ओर जा रहे थे। इन किसानों को पहले रामपुर बार्डर पर रोकने का प्रयास किया गया। लेकिन, किसान बेरिकेडिंग को तोड़ते हुए मूंढापांडे टाेल प्लाजा पर पहुंच गए थे।
यहां पर मुरादाबाद की पुलिस और प्रशासन ने किसानों की ट्रैक्टर ट्रालियों को रोक लिया था। ट्रैक्टर रोके जाने से दिल्ली मुरादाबाद हाईवे पर जाम लग गया था। इस दौरान करीब सात घंटे तक टोल प्लाजा के दोनों ओर भारी संख्या में वाहन जमा हो गए। किसान बार-बार टोल प्लाजा पर आंदोलित हो रहे थे। पुलिस और किसानों के बीच कई बार तीखी नोकझोंक हुई। इस दौरान पुलिस अकादमी के एडीजी राजीव कृष्ण, आइजी रमित शर्मा, एसएसपी प्रभाकर चौधरी के साथ ही अन्य अफसरों ने किसानों को लेकर जा रहे दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा से बातचीत की। अफसरों और किसान नेताओं की बातचीत में तय हुआ कि सात ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सौ से सवा सौ किसानों को दिल्ली जाने की अनुमति प्रदान की जाएगी। इस बातचीत के बाद टोल प्लाजा की सभी आठ लेन को खोल दिया गया।
सात सौ पुलिस कर्मियों की तैनाती
टोल प्लाजा में किसानों के काफिले को रोकने के लिए सात सौ पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। इस दौरान जिले की फोर्स के साथ पीएसी की कंपनी को बुला लिया गया था। टोल प्लाजा में एएसपी अनिल कुमार यादव, एसपी सिटी अमित कुमार आनंद,एडीएम वित्त एवं राजस्व प्रीति जायसवाल, एसडीएम सदर प्रेरणा सिंह, तहसीलदार नितिन तेवतिया के साथ पुलिस और प्रशासन के सभी अफसर मौजूद रहे।
शासन के अफसरों से हुई वार्ता
टोल प्लाजा में किसान जिस समय प्रदर्शन कर रहे थे,उस दौरान पुलिस और प्रशासन के अफसर लगातार शासन के अधिकारियों से वार्ता कर रहे थे। शासन ने किसानों के आंदोलन को देखते हुए विशेष रूप से पुलिस अकादमी के एडीजी राजीव कृष्ण को माेर्चा संभालने के लिए लगाया था। किसानों से बातचीत के साथ ही शासन के अधिकारियों से वार्ता करने के बाद किसानों को सात ट्रैक्टर के साथ जाने की इजाजत प्रदान कर दी गई।