ऑनलाइन आवेदन करें व्यापारी, एक ही बार में होगा रिफंड Sambhal news
वाणिज्य कर विभाग से अपना रिफंड लेने के लिए व्यापारियों को अब कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
सम्भल : वाणिज्य कर विभाग से अपना रिफंड लेने के लिए व्यापारियों को अब कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वह अब अपने प्रार्थना पत्र की स्थिति को भी जांच सकेंगे। इसके लिए विभाग ने पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है, जबकि अभी तक यह प्रक्रिया आफलाइन होने के कारण व्यापारियों को काफी दिक्कताों का सामना करना पड़ता था।
डिजिटल इंडिया के तहत ऑनलाइन प्रक्रिया पर दिया जा रहा जोर
डिजिटल इंडिया में सभी विभागों में मिलने वाली सुविधाओं व कार्यों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया की जा रही है। जिससे लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। ऐसे में सबसे ज्यादा उन विभागों की सुविधाओं को ऑनलाइन करने पर जोर दिया जा रहा है जिससे आम जनता का सीधे संपर्क है। शासन की ओर से व्यापारियों को सुविधा देने के लिए वाणिज्य कर विभाग की सभी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है, लेकिन रिफंड की प्रक्रिया में आनलाइन करने के साथ ही उसके प्रपत्र कार्यालय में आफलाइन जमा कराने पड़ते थे। जिससे व्यापारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। मगर पूरी प्रक्रिया को आनलाइन करने से अब व्यापारियों को काफी सुविधा होगी। इसके लिए विभाग की ओर से छब्बीस ङ्क्षसतबर से इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है।
....पहले क्या थी और अब क्या है प्रक्रिया
कुछ समय पहले तक व्यापारी अपने रिफंड के लिए आनलाइन आवेदन तो करते थे, लेकिन इसके साथ ही उन्हें अंडरटेङ्क्षकग, बिल व अन्य प्रपत्रों की प्रति कार्यालय में जमा करानी पड़ती थी, लेकिन अब इस प्रक्रिया के बाद व्यापारियों को सभी दस्तावेजों को आनलाइन अपलोड करना होगा। इतना ही नहीं इस आनलाइन प्रक्रिया में व्यापारी अपने आवेदन पत्र की स्थिति को भी जांच सकेगा कि उनका आवेदन अभी किस अधिकारी के पास लंबित है। पहले व्यापारी को आरएफडी-1ए फार्म भरना पड़ता था, लेकिन अब इस प्रक्रिया में व्यापारी को आरएफडी-01 फार्म भरना होगा। ऐसे में यदि व्यापारी द्वारा भरे गये फार्म में कोई त्रुटि नहीं है तो विभाग की ओर से उसे आरएफडी- 02 जारी किया जायेगा और यदि आवेदन में किसी प्रकार की कमी है तो विभागीय अधिकारी उस पर टिप्पणी लगाकर भरे गये आरएफडी-01 को निरस्त करके आरएफडी-03 जारी करेंगे। जिसके बाद व्यापारी को उस कमी को दूर करके दोबारा से आनलाइन आवेदन करना होगा।
.....पहले व्यापारी अपने रिफंड के लिए आवेदन करता था तो उसे आईजीएसटी व सीजीएसटी का केंद्र तथा एसजीएसटी का राज्य से रिफंड मिलता था। जिसे केंद्र व राज्य अलग अलग देते थे, लेकिन इस नई आनलाइन प्रक्रिया के बाद केंद्र व राज्य से रिफंड को एक ही बार में व्यापारी के खाते में भेज दिया जायेगा।
सावधानी....
इस ऑनलाइन प्रक्रिया में व्यापारी को अपना बैंक खाते का विवरण बहुत ही ध्यान पूर्वक भरना होगा। क्योंकि साफ्टवेयर द्वारा केवल बैंक खाता नंबर ही जांचा जायेगा कि वह सही है या नहीं, इसके अलावा खाता किसका है यह नहीं देखा जायेगा। ऐसे में किसी भी गलती से रिफंड की रकम दूसरे खाते में जा सकती है।
व्यापारियों होगी सहूलियत
डिप्टी कमिश्नर संजीव कुमार ने बताया कि रिफंड की प्रक्रिया ऑनलाइन होने से व्यापारियों को काफी सहूलियत होगी। इतना ही नहीं व्यापारी अपने आवेदन की स्थिति को ऑनलाइन खुद भी देख सकते है। ऐसे में बस व्यापारी को अपना खाता नंबर बहुत ही गंभीरता के साथ संभालकर भरना होगा। क्योंकि थोड़ी सी गलती से रिफंड की रकम दूसरे खाते में जा सकती है। इसलिए व्यापारियों से स्वयं के खाते की डिटेल आवेदन में भरने को कहा जा रहा है।