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जानलेवा बीमारी के मरीजों को उपलब्ध नहीं कराई जा रही दवा Rampur News

उधर प्रशासन दावा कर रहा है कि मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। जिनको आवश्यकता है उन्हें दवा उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता में शुमार है।

By Ravi SinghEdited By: Published: Mon, 13 Apr 2020 11:22 AM (IST)Updated: Mon, 13 Apr 2020 11:22 AM (IST)
जानलेवा बीमारी के मरीजों को उपलब्ध नहीं कराई जा रही दवा Rampur News
जानलेवा बीमारी के मरीजों को उपलब्ध नहीं कराई जा रही दवा Rampur News

रामपुर,जेएनएन। घर से बाहर निकलने पर पूर्णतया पाबंदी है। नगर के अधिकतर मेडिकल स्टोर भी बंद हैं। शासन द्वारा व्यवस्था की गई है कि मरीजों को अगर दवा चाहिए तो वे फोन करके दवाइयां होम डिलीवरी करा सकता है। मरीज अपने ओपीडी पर्चे को प्रशासन द्वारा जारी किए गए कंट्रोल रूम नंबर पर वाट््सएप कर सकता है। मरीज द्वारा वाट््सएप के बाद भी दवा उसके घर पर भेजने का दावा किया जा रहा है। हकीकत इससे जुदा है। गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोग दवा मंगवाने के लिए शासन द्वारा जारी किए गए कंट्रोल रूम के वाट््सएप नंबर पर दवा उपलब्ध कराने की गुहार लगा रहे हैं। कस्बे में तो कुछ लोगों को दवा घरों तक पहुंचाई जा रही है। लेकिन, ग्रामीण अंचल में रहने वाले जानलेवा बीमारी से ग्रस्त लोगों को दवा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। लॉकडाउन के दौरान गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को दवा की किल्लत न रहे, इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा मेडिकल स्टोर के नंबर फेसबुक, ट््िवटर इत्यादि के माध्यम से जारी किए हैं। जिलाधिकारी द्वारा कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है। कंट्रोल रूम में फोन करके ऐसे मरीज अपनी दवा को मंगवा सकते हैं। बीमार लोगों के परिजन कंट्रोल रूम पर फोन करके दवा का पर्चा सेंड कर रहे हैं। कंट्रोल रूम से उस दवा के पर्चे को मेडिकल स्टोर पर दिया जा रहा है। मेडिकल स्टोर संचालक लापरवाही बरत रहे हैं। दवा उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। कोतवाली क्षेत्र के खमरिया गांव निवासी रामकिशोर गंगवार, जानलेवा बीमारी हेपेटाइटिस-बी के मरीज हैं। उनके गांव में रहने वाले अन्य युवक को भी हेपेटाइटिस-बी जैसी गंभीर बीमारी है। दोनों का दिल्ली स्थित अखिल भारतीय अनुसंधान केंद्र में कई वर्षों से इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उनकी दवा खत्म हो गईं। उन्होंने कंट्रोल रूम के नंबर पर 31 मार्च को एम्स का ओपीडी पर्चा, वाट््सएप नंबर पर सेंड किया था। कंट्रोल रूम के नंबर पर फोन करके दवा मंगवाने की गुहार लगाई थी। उनका कहना है कि 12 दिन बीत गए हैं। बार-बार कंट्रोल रूम को फोन किया। प्रत्येक बार कंट्रोल रूम में फोन उठाने वाले ने बताया कि वह उनके ओपीडी पर्चे की फोटो कापी को मेडिकल स्टोर वालों को भेजते हैं। मेडिकल स्टोर वाले दवा उपलब्ध न होने की बात कह देते हैं।

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एसडीएम डॉ. ज्योति गौतम ने बताया कि नगर में दो मेडिकल स्टोर संचालकों से कहा गया था कि वह दवा उपलब्ध कराएंगे। दोनों के दवा उपलब्ध न कराने की लगातार शिकायतें आ रही थीं। अब नगर के एक अन्य मेडिकल स्टोर को मरीजों के लिए दवाइयां उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।  


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