मुरादाबाद में मस्जिद में पढ़ी सामूहिक नमाज, विरोध किया तो घर में घुसकर पीटा Moradabad News
कोरोना वायरस से पूरा विश्व परेशान लेकिन कुछ लोग अभी लापरवाही बरत कर समाज के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। मुरादाबाद में ऐसा ही एक मामला सामने आया।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए युवक ने जुमे के दिन सामूहिक नमाज पढऩे से रोका तो दबंगों ने मस्जिद के बाहर ही उसकी बेरहमी से पिटाई करके हाथ तोड़ दिया। इससे मन नहीं भरा तो घर पर धावा बोल दिया। घर की महिलाओं को भी नहीं बख्शा। उनके साथ भी मारपीट की। सूचना पाकर कुंदरकी पुलिस मौके पर पहुंची तो उल्टे पीडि़त और उसके भाई को ही उठा लाई और उनका चालान कर दिया। सोमवार को पीडि़त ने एसएसपी से न्याय की गुहार लगाई। कप्तान ने कुंदरकी इंस्पेक्टर को जांच कर कार्रïïवाई के निर्देश दिए हैं।
यह है पूरा मामला
घटना शुक्रवार को जुमे की नमाज के वक्त की है। थाना कुंदरकी क्षेत्र के मंसूरपुर गांव मोबीन ने एसएसपी को बताया कि 15 मई को उनके गांव की मस्जिद में करीब चालीस लोग जुमे नमाज पढ़ रहे थे। कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए उसने नमाज पढऩे का विरोध किया। इससे गांव के ही राशिद व अन्य लोग खफा हो गए। उन्होंने नमाज खत्म होने के बाद मस्जिद के बाहर आकर मारपीट करनी शुरू कर दी। मौके पर मौजूद लोगों ने समझाकर मसले को निपटा दिया। मोबीन ने बताया कि दबंगों का इससे मन नहीं भरा तो घर पर धावा बोल दिया। राशिद आधा दर्जन से आधिक लोगों के साथ घर आ गया। लाठी-डंडों व धारदार हथियारों से लैस दबंगों ने आते ही मारपीट करनी शुरू कर दी। उसने मेरा दाहिना हाथ तोड़ डाला। महिलाओं के साथ भी मारपीट की। जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए। सूचना पुलिस को दी। कुंदरकी पुलिस मौके पर पहुंची। वह मुझे व मेरे भाई एक अन्य को पकड़कर थाने ले गई। रात भर थाने में रखा। दूसरे दिन दो बजे चालान कर दिया। शिकायत को एसएसपी अमित पाठक ने गंभीरता से लिया। कुंदरकी इंस्पेक्टर को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
हवालात में दर्द से चीखता रहा पीडि़त
मोबीन ने बताया कि हाथ टूट जाने की बात उसने पुलिस को बताई। कहा मेरा मेडिकल करा दो। हमसे तहरीर भी ली लेकिन, इसी बीच किसी दलाल का फोन आ गया। इसके बाद पुलिस ने उसे हवालात में डाल दिया। तत्कालीन एसओ प्रेमपाल व थाने में मौजूद पुलिस कॢमयों से भी कहा पर किसी ने एक नहीं सुनी। रात भर हवालात में दर्द से चीखते चिल्लाते रहे। जमानत पर छूटने के बाद ही उपचार कराया।