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दुष्कर्म पीड़िता बच्ची के इलाज में कोताही पर ग्रामीण भड़के, हंगामा

मझोला इलाके के गांव की आठ वर्षीय दुष्कर्म पीड़ित बच्ची के इलाज में लापरवाही को लेकर हंगामा किया ।

By Edited By: Published: Thu, 23 May 2019 09:05 AM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 09:06 AM (IST)
दुष्कर्म पीड़िता बच्ची के इलाज में कोताही पर ग्रामीण भड़के, हंगामा
दुष्कर्म पीड़िता बच्ची के इलाज में कोताही पर ग्रामीण भड़के, हंगामा
मुरादाबाद: मझोला इलाके के गांव की आठ वर्षीय दुष्कर्म पीड़ित बच्ची के इलाज में लापरवाही को लेकर ग्रामीण भड़क गए। उन्होंने सीएमओ दफ्तर से लेकर जिला अस्पताल तक जोरदार नारेबाजी की। इसके चलते तीन घंटे तक हंगामा होता रहा। ग्रामीण इतने उत्तेजित थे कि सीएमओ को उनके साथ पैदल ही महिला अस्पताल तक जाना पड़ा। थाना मझोला में आठ दिन पहले बराती और उसके साथी के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म करने के आरोप में मुकदमा लिखा गया है। घटना के दिन से बच्ची महिला चिकित्सालय में भर्ती है। पहले ही दिन से परिवार वाले बच्ची के इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं, उन्होंने इस संबंध में सीएमएस से भी कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बाल कल्याण समिति ने भी शिकायत मिलने पर बच्ची का बेहतर इलाज करने को कहा था, लेकिन फिर भी लापरवाही हो रही है। बुधवार को दलित समाज के कई संगठनों के लोग पीड़ित परिवार की शिकायत पर सीएमओ दफ्तर पहुंच गए। उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। सीएमओ का दफ्तर दूसरी मंजिल पर है। आंदोलन करने वालों का कहना था कि सीएमओ नीचे आकर उनकी बात आकर सुने। अस्पताल में दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों से पैसा मांगा जा रहा है। महिला अस्पताल के डॉक्टर व कर्मचारी बच्ची का इलाज करने के बजाय उसे भगाने पर आमादा हैं। इलाज के लिए दबाव बनाने पर बच्ची को बाहर भेजने की धमकी दी। कार्यालय से जिला अस्पताल तक पैदल चलकर आई सीएमओ आक्रोशित लोग सीएमओ के खिलाफ दफ्तर में नारेबाजी हुए तो आधे घंटे बाद वह नीचे उतरकर आईं, लेकिन लोगों का गुस्सा देख फिर से अपने कक्ष में जाकर बैठ गईं। इसकी वजह से काफी देर तक ग्रामीण महिलाएं सीएमओ विनीता अग्निहोत्री का इंतजार करती रहीं। वह अड़ी थीं कि सीएमओ को अपनी बात बताकर ही यहां से जाएंगीं। सीएमओ का कहना था कि उन्होंने महिला अस्पताल की सीएमएस को बुलाया है, उनके आने पर ही बात होगी। हंगामा बढ़ता देख सीएमओ करीब आधा घंटे बाद फिर से नीचे आईं और ग्रामीणों के साथ पैदल जिला महिला अस्पताल पहुंच गई। बेहतर उपचार के आश्वासन पर माने विरोध प्रदर्शन करने वाले सीएमओ कार्यालय से पैदल ही पुरुष अस्पताल की तरफ से चैनल खुलवाकर महिला अस्पताल में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन सीएमओ के लिए चैनल नहीं खोला गया। इस पर उन्हें महिला अस्पताल के मेनगेट से ही सीएमएस के दफ्तर तक जाना पड़ा। जिला महिला अस्पताल में पहुंचकर सीएमओ ने प्रभारी सीएमएस और डॉक्टरों से वार्ता की और बच्ची के बेहतर इलाज करने को आश्वासन दिया। इसके बाद लोग शात हो गए। आंदोलन करने वालों में महावीर प्रसाद मौर्य, चंदन सिंह, विनय कुमार, ललित कुमार, सतीश जाटव, रोहित राय आदि लोग शामिल रहे। महिला अस्पताल में कुछ ठीक नहीं चल रहा महिला अस्पताल में सबकुछ ठीक तो नहीं चल रहा। दुष्कर्म पीड़िता के परिवार वालों के स्टाफ पर इल्जाम लगाने से यह बात साबित हो रही है कि इलाज के नाम पर अस्पताल में वसूली हो रही है। दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़ित परिवार आठ साल की बच्ची को सीधे जिला अस्पताल लाया था। पहले ही दिन से यहां के स्टाफ ने बच्ची का इलाज गंभीरता से नहीं किया। यही वजह रही कि पीड़ित परिवार को बाल कल्याण समिति में शिकायत करनी पड़ी। बाल कल्याण समिति की टीम मौके पर जाकर जांच भी करके आई थी। इसके बाद भी इलाज में कोई सुधार नहीं हुआ। यही वजह रही कि बुधवार को आंदोलन करने की नौबत आ गई। इतना ही नहीं अस्पताल के स्टाफ पर इलाज के लिए रिश्वत तक मांगने का आरोप लगाया गया। नारेबाजी से दफ्तर में मचा हड़कंप सीएमओ दफ्तर में अचानक नारेबाजी होने से स्टाफ में हड़कंप मच गया। सीएमओ ने कई अधिकारियों को वार्ता करने के लिए ग्रामीणों के पास भेजा, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी। उनका कहना था कि सीएमओ से ही वार्ता करनी है। इस पर बाद में सीएमओ को ही नीचे आकर वार्ता करनी पड़ी।

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