Madrasa Reopen in Moradabad : मुरादाबाद में अब मदरसे खोलने की तैयारी, दूसरे राज्यों और शहर के छात्र नहीं पहुंचे
Madrasa Reopen in Moradabad कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर के बाद अब स्कूलों के साथ ही मदरसों में भी पढ़ाई की तैयारियां शुरू हो गई हैं। फिलहाल पहले के मुकाबले बच्चों की संख्या नहीं के बराबर है। अभी बाहर के छात्र आने से कतरा रहे हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। Madrasa Reopen in Moradabad : कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर के बाद अब स्कूलों के साथ ही मदरसों में भी पढ़ाई की तैयारियां शुरू हो गई हैं। फिलहाल पहले के मुकाबले बच्चों की संख्या नहीं के बराबर है। अभी बाहर के छात्र मदरसों में आने से कतरा रहे हैं। कोरोना काल में बाहर के छात्रों को दुश्वारी का सामना करना पड़ रहा था। इस वजह से इस्लामी साल शुरू होने के बाद भी मदरसों में पहले के मुकाबले चहल-पहल नहीं है। भले ही स्कूल-कालेज खुल गए हैं लेकिन, संक्रमण का डर लोगों में बना हुआ है। वो अपने जिगर के टुकड़े को पूरी सावधानी के बाद ही स्कूल भेज रहे हैं। यही हाल मदरसों का भी है।
ईद उल फितर के बाद मदरसों में बच्चों की आवाजाही दाखिले के लिए शुरू हो जाती है लेकिन, कोरोना महामारी की पहली-दूसरी लहर देखने के बाद बच्चों के माता-पिता अभी भी कतरा रहे हैं। शहर के बड़े मदरसों में बाहर से आने वाले तलबा (ठात्रों) की तादाद खासी रहती है। लेकिन, ईदुल फितर, बकरीद और मुहर्रम का पूरा महीना निकलने के बाद भी बाहर से छात्र नहीं आए हैं। 24 अगस्त से मदरसों में पढ़ाई के लिए सरकार ने हरी झंडी भी दे दी। इसके बाद भी स्थिति पहले की ही तरह है। मदरसा प्रबंधन ने बच्चों की शिक्षा के लिए बता भी दिया है। जो बच्चे मदरसों में आएंगे उन्हें दाखिला दिया जाएगा।
मुफ्ती बाकर अली राजस्थानी ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से मदरसों में बच्चे नहीं है। शहर से भी चंद बच्चे आ रहे हैं। हालांकि, कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ेगी।मुफ्ती मुस्तेजाब कदीरी ने बताया कि कोरोना बीमारी की वजह से बच्चों को मदरसे में आने के लिए मनाही कर दी थी। सरकार की इजाजत के बाद उनके पिता को बता दिया गया है लेकिन, अभी भी लोग बच्चों को मदरसा भेजने में कतरा रहे हैं।