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अब लखनऊ अधिकारी मुरादाबाद जिले के पंचायत सचिवों से सीधे कर सकेंगे बात, जानिये कैसे

Lucknow Officers Talk Directly to Panchayat Secretaries कोरोना काल ने बहुत कुछ सिखाया है। अब मीटिंग के लिए बार-बार विकास खंडों के अफसरों को जिला मुख्यालय नहीं दौड़ना पड़ेगा। इसके लिए हर ब्लाक में वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष बनाए जाने हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 05:10 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 05:10 PM (IST)
अब लखनऊ अधिकारी मुरादाबाद जिले के पंचायत सचिवों से सीधे कर सकेंगे बात, जानिये कैसे
मुरादाबाद के आठों ब्लाकों में कक्ष बनाए जाने के लिए डीएम ने दी मंजूरी। प्रतिकात्मक फोटो

मुरादाबाद, जेएनएन। Lucknow Officers Talk Directly to Panchayat Secretaries : कोरोना काल ने बहुत कुछ सिखाया है। अब मीटिंग के लिए बार-बार विकास खंडों के अफसरों को जिला मुख्यालय नहीं दौड़ना पड़ेगा। इसके लिए हर ब्लाक में वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष बनाए जाने हैं। मनरेगा समेत कई योजनाओं के प्रशासनिक मद से कंटजेंसी धनराशि कक्ष तैयार करने में खर्च होनी है। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। जिला मुख्यालय पर अभी तक एनआइसी में ही कांफ्रेंसिंग कक्ष बना है। इसके माध्यम से ही लिंक मिलने पर जिले के अधिकारी मुख्यमंत्री और शासन स्तर के अधिकारियों की बैठक में जुड़ जाते हैं।

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ग्राम पंचायतों में तैनात सचिवों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए शासन के अधिकारियों को स्थानीय अधिकारियों का सहारा लेना होता है। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों से भी शासन में बैठे अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीधी बात कर सकेंगे। इसके लिए हर विकास खंड में वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष की स्थापना होनी है। मुख्य वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष विकास भवन सभागार में बनाया जाना है। इसके बाद जिले के अधिकारी विकास भवन में बैठकर ही विकास कार्यों की समीक्षा कर सकेंगे।

शासन स्तर से भी लिंक आने पर सभी ब्लाकों को बैठक से जोड़ दिया जाएगा। सरकार के आला अधिकारी इसके बाद लखनऊ में बैठकर विकास कार्यों की समीक्षा कर लेंगे।ब्लाकों के अधिकारियों को भी बार-बार बैठक के लिए जिला मुख्यालय नहीं आना होगा।जेम पोर्टल से खरीदा जाएगा सामान हर ब्लाक में वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष बनाए जाने के लिए सामान जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदा जाना है। डीएम से एचडी प्रोजेक्टर की अनुमानित धनराशि 60 हजार रुपये रखी गई है। प्रोजेक्टर स्क्रीन की चार हजार, एलईडी 85 हजार, स्पीकर चार हजार, माइक सात हजार, कैमरा छह हजार और आल इन वन पीसी 60 हजार रुपये में खरीदी जाने की अनुमति मिली है।

डीआरडीए परियोजना प्रबंधक सतीश कुमार मिश्र ने बताया कि  जिले के सभी आठों ब्लाकों में वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष की स्थापना की जानी है। कक्ष में 40 अधिकारियों और कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था होनी है। फर्नीचर की व्यवस्था रहेगी। कक्ष वातानुकूलित होगा। इसके बाद राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना योजनाओं की समीक्षा करना आसान होगा। विकास कार्यों की समीक्षा भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हो जाएगी। शासन की मंशा के मुताबिक जल्द ही वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्षों का निर्माण करा दिया जाएगा। 


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