Sports affected by Coronavirus:आर्थिक मोर्चे पर हारा खेल जगत,बड़ी प्रतियोगिताओं के लिए करना पड़ेगा इंतजार Moradabad News
कोरोना से रुकी खिलाडिय़ों की रफ्तार। बड़ी प्रतियोगिताओं के लिए खिलाडिय़ों और आयोजकों को अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
मुरादाबाद,जेएनएन। कोरोना काल में खेल जगत की हालत बदहाल हो गई है। खिलाड़ी से लेकर अंपायर, स्कोरर व प्रशिक्षण लेने वाले भी प्रभावित हुए हैं।जिला मंडल व स्टेट से लेकर नेशनल स्तर के खेल कोरोना को देखते हुए इस साल होने की उम्मीद नहीं है। प्रतियोगिता कराने से अंपायर स्कोरर व रेफरी को मैच फीस मिलती है, वही कोच भी पसीना बहा कर खिलाडिय़ों को तैयार करके पैसा कमाता है लेकिन इन दिनों सब बंद है। सोनकपुर स्टेडियम में छह कोच अस्थाई रूप से हैं। व्यक्तिगत तौर पर एकेडमी चलाने वाले भी परेशान हैं। यह बात दीगर है कि कुछ अंपायर, स्कोरर, कोच व रेफरी खेल-जगत पर ही निर्भर नहीं हैं। वह प्राइवेट नौकरी या बिजनेस भी करते हैं। लेकिन तमाम ऐसे भी हैं जिनकी जीविका खेलों से ही चलती है। अलग-अलग आयु वर्ग के कई खेल से दिए दिए और मैच की फीस मिलती है। मैच फीस 1400 से 1500 व डीए टीए 500 रुपये मिल जाता था।
खिलाडिय़ों का कोटा हो जाएगा आधा
कोरोना के चलते खेलों का कोटा भी आधा करने की तैयारी है। ऐसे संकेत खेल निदेशालय ने दे दिए हैं। पहले स्थानीय स्तर पर खिलाडिय़ों के पंजीयन पर रोक लग चुकी है, लेकिन अब खेल निदेशालय से भी मानक से आधे खिलाडिय़ों को ही स्टेडियम में प्रवेश देने का फरमान जारी होने की उम्मीद है। आधा कोटा करने के दो कारण हैं पहला स्टेडियम में कम भीड़ रहेगी दूसरा पंजीकृत खिलाडिय़ों की संख्या के अनुसार खेलों का सामान उपलब्ध कराना पड़ेगा। कोरोना के कारण शासन की आॢथक स्थिति डगमगा गई है। जिससे खेलों के सामान में भी कटौती होना तय है। आठ प्रशिक्षण शिविर स्टेडियम में चलते थे, इनमें से भी आधे शिविरों को ही मंजूरी मिल सकती है। क्षेत्रीय क्रीड़ा विभाग की ओर से चार खेलों में बॉङ्क्षक्सग, बैडमिंटन, वॉलीबॉल और एथलेटिक्स के शिविर चलाने के लिए पत्रचार किया है। इन खेलों में 40-40 खिलाड़ी पंजीकृत हैं, लेकिन अब 20-20 होने की उम्मीद है।
कोरोना ने लगाया खेलों पर ब्रेक
क्रिकेट कोच बदरुद्दीन ने कहा कि कोरोना आपदा ने खिलाडिय़ों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। मैं प्रैक्टिस नहीं कर पा रहा हूं। कोरोना के कारण कोच, अंपायर, रेफरी और स्कोरर सभी आॢथक रूप से प्रभावित हुए हैं। बस जैसे-तैसे इन सभी की जीविका चल रही है। वहीं मुक्केबाजी कोच एसके क्षेत्री का मानना है कि भले प्राइवेट जाब या बिजनेस करते हैं, साल भर में जिला, मंडल व प्रदेश स्तरीय टूर्नामेंट से मिलने वाली मैच फीस एक बोनस के रूप में है। क्रिकेट अंपयर और स्कोरर सतेंद्र कुमार ने कहा कि साल भर कई आयु वर्ग के कंपटीशन होते हैं। अब खेल बंद हैं, इससे जीविका प्रभावित हो गई है।
वर्तमान में स्टेडियम में खिलाडिय़ों की संख्या
एथलेटिक्स -40
वालीबॉल -40
बैडमिंटन -40
बाङ्क्षक्सग -25
कोटा आधा होने के संकेत
क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी अनिमेष सक्सेना ने कहा कि शिक्षा शिविर संचालित करने को खेल निदेशालय मैं पत्रचार किया गया है। इस बार संकेत मिल रहे हैं कि पंजीकृत खिलाडिय़ों का कोटा आधा हो सकता है।