शासन के फैसले पर बंदियों की नजर
जेल प्रशासन ने रिहा करने वाले बंदयों की सूची भेजी
मुरादाबाद: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर बंदियों को रिहा करने के लिए जेल प्रशासन ने सूची तैयार कर ली है। इस सूची को आपसी सहमति के बाद शासन को भी भेज दिया गया है। इन बंदियों की रिहाई पर शासन अपने स्तर से फैसला करेगा। जेल अफसरों का कहना है कि अभी किसी भी बंदी को यह भी नहीं बताया गया कि उसका नाम सूची में रखा गया है। यह बहुत ही गोपनीय तरीके से किया गया है। शर्तो के अनुरूप जो भी बंदी मिले हैं,उनके नाम सूची में शामिल किए गए हैं। कारागार से समय पूर्व रिहाई के लिए बीते दो साल में कई बंदियों के नाम शासन द्वारा भेजे गए हैं। अफसरों ने इन बंदियों की उम्र और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इन्हें छोड़े जाने की मांग की थी, लेकिन अफसरों की इस मांग को शासन के अफसरों ने दरकिनार कर दिया था। इस बार दो अक्टूबर के मौके पर ऐसे बंदियों के फिर रिहा होने की उम्मीद जाग गई है।
एक साल में छह बंदियों की हुई मौत
कारागार में खराब स्वास्थ्य और उम्र अधिक होने के कारण प्रतिवर्ष कई बंदियों की मौत हो जाती है। बीते एक साल में विभिन्न बीमारियों और उम्र अधिक होने के कारण लगभग छह बंदियों की मौत हो चुकी है। इन सभी बंदियों की मौत जिला अस्पताल के साथ मेरठ और दिल्ली के अस्पताल में हुई है। इसी बात का ख्याल करते हुए अफसर भी उम्रदराज और बीमार बंदियों को छोड़ने के पक्ष में रहते हैं।
उम्रदराज बंदियों की संख्या
उम्र संख्या
60 से 70 14
70 से 80 03
80 से 90 02
90 से 100 02
सूची में तीस बंदियों के नाम
-वरिष्ठ जेल अधीक्षक एसएचएम रिजवी ने बताया कि बंदियों की सूची शासन को भेज दी गई है। इस सूची में लगभग तीस बंदियों के नाम शामिल किए गए हैं। शासन से निर्णय आने के बाद बंदियों को रिहाई के संबंध में जानकारी प्रदान की जाएगी।